भाेपाल2 घंटे पहले
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कई अध्यापकाें ने इस कैडर में विसंगति बताते हुए हाईकाेर्ट में याचिका भी दायर की है।
- नए कैडर में इन्हें 2018 से नियुक्त माना, जबकि 1998 से अध्यापक संवर्ग
भाेपाल समेत प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा अध्यापकाें काे 20 साल की सेवा अवधि यानी वरिष्ठता शून्य हाे सकती है। इसकी वजह यह है कि इन्हें नए कैडर में 2018 से नियुक्त हाेना माना गया है। 1998 से नियुक्त ये वे शिक्षाकर्मी हैं, जिनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया गया था। गाैरतलब है कि 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन राज्य सरकार ने अध्यापक संवर्ग के संविलियन की घाेषणा की थी। इसके लिए मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा नाम से नया कैडर बनाया गया। इस नए कैडर में 2018 से नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया।
मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन के संयोजक उपेंद्र कौशल, जितेंद्र शाक्य, आजाद अध्यापक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष शिवराज वर्मा सहित अध्यापकाें के कई संगठनाें ने इस पर ऐतराज भी जताया था। कई अध्यापकाें ने इस कैडर में विसंगति बताते हुए हाईकाेर्ट में याचिका भी दायर की है। यदि विभाग नए कैडर में नियुक्ति के स्थान पर अध्यापक संवर्ग का संविलियन करता तो पूर्व की भांति ( शिक्षाकर्मी से अध्यापक बनने पर) सेवा अवधि के समस्त लाभ सेवा की निरंतरता में प्राप्त हुए थे,परन्तु नियुक्ति करने से अध्यापक पूर्व की सेवा के समस्त लाभों से वंचित हो गए।
ये सुविधाएं नहीं मिलेंगी
परिवार पेंशन, ग्रेच्युटी, क्रमाेन्नति, पदौन्नति, समयमान वेतनमान, अनुकंपा, अर्जित अवकाश नगदीकरण सुविधा।