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- According To Bangla Panchang, This Year The Arrival Of Maa Durga Will Be On Horse, The Artisans Engaged In Decorating The Idols
सागर19 घंटे पहले
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शारदीय नवरात्र का शुभारंभ इस बार 17 अक्टूबर से हो रहा है। बांग्ला पंचांग के अनुसार इस साल मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है। इसका अर्थ छत्रभंग स्तुरंगमे बताया गया है। पंडितों के अनुसार इससे शासन और शासकों के लिए उथल-पुथल की स्थिति बनेगी। वहीं मुर्तिकारों ने देवी प्रतिमाओं को बनाना शुरूकर दिया। कोरोना महामारी के चलते शासन द्वारा गाइड लाइन भी जारी की गई है, लेकिन प्रदेश सरकार ने उसमें कुछ पाबंदियों को हटा दिया। है।
पहले प्रदेश सरकार ने प्रतिमाओं की उंचाई 6 फीट की थी, अब उंचाई से प्रतिबंध हटा दिया है। वहीं 10 बाई 10 लगने वाले पंडाल में संशेाधन करके बड़े पंडाल की अनुमति दे दी गई है। नियमों में बदलाव होने से कमेटी के सदस्यों काफी उत्साह में है। पंडितों के मुताबिक कि इस बार मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर सवार होकर हो रहा है। वहीं नवरात्र पर मां दुर्गा कैलाश के लिए हाथी सवार होकर प्रस्थान करेंगी।
दरअसल हाथी सुख-समृद्धि और ताकत का मानक है। इस बार देवी का प्रस्थान इसी वाहन पर हो रहा है। ऐसे में आने वाले साल में भारत वर्ष में अच्छी वर्षा होगी। जिससे अन्न का भरपूर उत्पाद होने के साथ-साथ किसानों और व्यापारियों में समृद्धि आएगी। पंडितों के अनुसार नव दुर्गा के दौरान माता भगवती की सच्चे मन से आराधना प्राप्त होगी। काेरोना के प्रभाव के चलते सभी भक्तजन को नवदुर्गा के दौरान अपने-अपने घरों में दुर्गासप्तसती पाठ करना चाहिए। जिससे विश्व को कोरोना वायरस से मुक्ति मिल सके।
17 से 25 अक्टूबर तक मनेगा दुर्गा उत्सव
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है साल में नवरात्रों की संख्या चार होती है, जिनमें दो प्रमुख नवरात्र चैत्र व शारदीय नवरात्र है। जबकि दो गुप्त नवरात्र होती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ ही नवरात्र आरंभ हो जाते हैं। इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 25 अक्टूबर तक चलेंगी।
देवी दुर्गा हर बार अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है
नवरात्र में मां दुर्गा का धरती पर आगमन का भी विशेष महत्व है। देवी भागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत के रूप में भी देखा जाता है, हर वर्ष नवरात्र में देवी दुर्गा अलग-अलग वाहनों में सवार होकर धरती पर आती है और उसका अलग-अलग महत्व होता है। आगमन के साथ ही देवी के प्रस्थान के वाहन को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।