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- Bhopal Forest Division Is Unable To Improve E surveillance And Trap Cameras; E surveillance System Malfunctioned, Footage Of Tigers Not Reaching The Control Room
भोपाल17 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- विभाग को पता ही नहीं, कहां है बाघों का मूवमेंट, मॉनिटरिंग सिर्फ पेट्रोलिंग के भरोसे
भोपाल और उसके आसपास घूम रहे बाघों की लोकेशन कहां है, उनका मूवमेंट कहां, इसकी सटीक जानकारी वन विभाग को नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह है कि हाईटेक तकनीक से बाघों पर नजर रखने के लिए लगाए गए ई-सर्विलांस सिस्टम का खराब होना। स्थिति यह है कि झिरी मीडियाकोट में कैमरे के फुटेज कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच रहे हैं। वहां का कैमरा खराब है।
मैदानी अमले का कहना है कि इसकी देखरेख करने वाली कंपनी खराब समान को ठीक करने में रुचि नहीं दिखा रही है। मामले में कंपनी का कहना है कि उनका अनुबंध हुआ था, जो नवंबर वर्ष 2019 को खत्म हो गया। इसके बावजूद 8 लोगों का स्टाफ और महंगे उपकरण ठीक करके चला रहे हैं। वन विभाग ने अभी तक मैंटेनेंस का पेमेंट नहीं किया है। इधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग बजट आते ही पेमेंट कर देगा।
बाघों पर नजर रखने के लिए वन विभाग बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत में यह खोखले साबित हो रहे हैं। भोपाल वन मंडल के पास बजट नहीं है, जिसकी वजह से विभाग ई-सर्विलांस सिस्टम का मैनेजमेंट ठीक से नहीं कर पा रहा है। विभाग ने पिछले एक साल से कंपनी का भुगतान नहीं किया है, जिससे कंपनी ने ई-सर्विलांस के मेंटेनेंस से हाथ ऊंचे कर दिए हैं। इसका खामियाजा यहां घूम रहे बाघों की मॉनिटरिंग पर पड़ा है। कौन सा बाघ किस जगह पर है, इसकी सटीक जानकारी वन विभाग को नहीं मिल पा रही है। बाघों के मूवमेंट की जानकारी के आधार पर पेट्रोलिंग हो रही है।
विभाग का कंपनी से 35 लाख रुपए में हुआ था अनुबंध
ई-सर्विलांस का पेटेंट बाईनोमियल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। इस कंपनी ने वन विभाग से सालाना 35 लाख रुपए में अनुबंध किया है। कंपनी हर साल अनुबंध रिन्यू कराती है। कंपनी के डायरेक्टर रविकांत सिंह का कहना है कि वन विभाग ने न तो अनुबंध रिन्यू किया है और न ही पिछला रुपए दिया है। वह अपने खर्च से कैमरे और डिवाइस को चला रहे हैं।
देश में सबसे पहले लगा भोपाल में ई-सर्विलांस
देश में सबसे पहले ई-सर्विलांस भोपाल में लगा था। इसकी सफलता के बाद जिम कार्बेट नेशनल पार्क और उसके बाद काजीरंगा नेशनल पार्क में ई-सर्विलांस लगाया गया। अब यह सर्विलांस गुजरात के गिर नेशनल पार्क, नल सरोवर सेंचुरी में और पश्चिमी बंगाल में जलदापाड़ा नेशनल पार्क में लगने जा रहा है।
कुछ पेमेंट बकाया है, बजट आते ही कर देंगे भुगतान
कंपनी को पत्र लिखकर ई सर्विलांस को ठीक करने और झिरी के कैमरे को ठीक करने के लिए कहा है। यह सही है कि कंपनी का कुछ पेमेंट बकाया है। बजट आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। बाघों की मॉनिटरिंग में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
एसएस मिश्रा, डीएफओ, भोपाल