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भोपाल2 घंटे पहले
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- फाइल देखने में लगता है एक घंटा, छोटी-छोटी गलती साॅफ्टवेयर कर देता है रिजेक्ट
- अप्रैल से अब तक लगभग 900 परमिशन हैं अलग-अलग स्तर पर लंबित
मकान या कोई अन्य बिल्डिंग के निर्माण की परमिशन लेने के लिए यदि आपने ऑनलाइन आवेदन दिया है तो एक माह के भीतर परमिशन जारी हो जाए, यह लगभग असंभव ही हो गया है। बिल्डिंग परमिशन के साॅफ्टवेयर में फाइल ढूंढना मुश्किल काम हो गया है। कई बार एक जोन की फाइल दूसरे जोन के कंसोल में चली जाती है। फाइल के साथ लगे कॉलोनी के ले आउट आदि के दस्तावेज का रिजोल्यूशन इतना कम होता है कि डॉक्यूमेंट को पढ़ना मुश्किल होता है। ऐसी तमाम दिक्कतों के कारण परमिशन जारी करने में देरी हो रही है। पिछले दिनों नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने बिल्डिंग परमिशन शाखा की समीक्षा की थी। इस दौरान यह बात सामने आई कि अप्रैल से अब तक लगभग 1000 आवेदन आए इनमें से लगभग 900 अलग-अलग स्तर पर लंबित हैं।
देरी की वजह… हर फाइल उच्च अधिकारी के पास जाती है, जबकि यह जरूरी नहीं
- साॅफ्टवेयर के मैन्यूअल में बिल्डिंग का नक्शा कई लेयर में बनाना होता है और हर लेयर की अपनी कोडिंग है। इसमें गलती होने पर फाइल रिजेक्ट हो जाती है।
- पूरे प्रदेश का एक ही सर्वर होने से कई बार सर्वर बहुत धीमा चलता है।
- हर फाइल मंजूरी के लिए उच्च अधिकारी के लिए जाती है, जबकि नियमानुसार इसकी जरूरत नहीं है।
- फाइल जिस लेवल पर रिजेक्ट हुई है सुधार के बाद वहां से जांच होने की बजाय शुरू से जांचना होती है।
- बिल्डिंग परमिशन शाखा में स्टाफ कम है और नए साॅफ्टवेयर के हिसाब से उसे प्रशिक्षण की जरूरत है।
प्राइवेट आर्किटेक्ट के नहीं बने कंसोल
शहर में प्राइवेट आर्किटेक्ट भी बिल्डिंग परमिशन दे रहे हैं, लेकिन बिल्डिंग परमिशन के साॅफ्टवेयर में उनका कोई कंसोल नहीं है। उनकी फाइलें बाद में अपलोड होती हैं। निगमायुक्त वीएस चौधरी कोलसानी ने तीन माह पहले प्राइवेट आर्किटेक्ट का कंसोल बनाने को कहा था, लेकिन यह काम अब तक नहीं हो पाया है।
दिक्कतों को जल्द दूर करेंगे
पिछले सप्ताह समीक्षा में परमिशन लंबित रहने की बात सामने आई थी। साॅफ्टवेयर को लेकर कुछ दिक्कतें हैं। इन्हें दूर कराने की कार्रवाई जारी है।
– विजय सावलकर, चीफ सिटी प्लानर, नगर निगम