हरदा9 घंटे पहले
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हरदा। दुकानाें पर खाद वितरण के लिए इस तरह लगी पीओएस मशीन।
- वैज्ञानिक अनुशंसा से अधिक यूरिया का उपयोग कर रहे किसान
- किसानों काे जमीन की ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, दुकानाें, सोसाइटियों व डीएमओ डबल लाॅक पर जमा कराना हाेगा
उत्पादन के लालच में किसान जमीन की सेहत का ध्यान नहीं रख रहे हैं। वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित मात्रा से अधिक यूरिया के उपयोग करने से जमीन कड़क (कठाेर) हाे चली है। डिमांड अधिक हाेने से यूरिया की कालाबाजारी भी हाेती है। अनुशंसित मात्रा से अधिक उपयोग और कालाबाजारी दाेनाें पर अंकुश लगाने के लिए यूरिया की अब ऑनलाइन मॉनिटरिंग हाेगी। किसानों काे प्रति एकड़ एक बाेरी यूरिया ही मिलेगा। यूरिया लेने से पहले किसानों काे पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन पर अंगूठा लगाना हाेगा। मशीन साेसाइटियाें, प्राइवेट दुकानदारों व डीएमओ डबल लाॅक पर मौजूद हैं। इसी के साथ आधार कार्ड व ऋण पुस्तिका की फाेटाे काॅपी भी देना हाेगी। विभाग के पाेर्टल पर ऑनलाइन दर्ज हाे जाएगी। लापरवाही बरतने पर दुकानदारों काे शाेकाज जारी हाेगा और उसका लाइसेंस निलंबित तक हाे सकता है।
रबी सीजन में गेहूं की बाेवनी के साथ ही यूरिया का संकट शुरू हाे जाता है। किसान उत्पादन अधिक लेने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा तय की गई मात्रा से अधिक यूरिया का छिड़काव खेताें में करते हैं। इससे पानी के साथ यूरिया जमीन में मिल जाता है और धीरे-धीरे जमीन की उपजाऊ क्षमता कम हाेने लगी है। भूर-भूरी जमीन की नीचली सतह कड़क हाे रही है। इसके दुष्परिणाम आने वाले समय में भुगतना पड़ सकते हैं। यूरिया की खपत काे नियंत्रित करने के लिए कृषि विभाग ने निगरानी शुरू की है। जिले की 51 साेसाइटियाें, हरदा, टिमरनी व खिरकिया डीएमओ डबल लाॅक सहित 162 दुकानों पर पीओएस मशीन से खाद वितरण कर ऑनलाइन मॉनिटरिंग हाेगी।
किसान दाे गुना से अधिक तक करते हैं उपयोग : किसान गेहूं की बाेवनी के समय डीएपी का उपयोग करते हैं। डीएमपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन हाेती है। इसके अलावा पहले व दूसरे पानी पर भी प्रति एकड़ 1-1 बाेरी यूरिया का छिड़काव करते हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ने लगा है।
आदेश का पालन नहीं करने पर दुकानों के लाइसेंस हाेंगे निरस्त
गेहूं का रकबा 37500 हेक्टे. कम हाेने की उम्मीद
जिले में गेहूं का रकबा इस बार 37500 हेक्टेयर कम हाेने की उम्मीद है। इसके स्थान पर चना का रकबा बढ़ने के आसार है। कृषि विभाग के मुताबिक रबी सीजन में 1.30 लाख हेक्टेयर में गेहूं व 45 हजार हेक्टेयर में चना की बाेवनी की उम्मीद है। पिछले साल रबी में 167500 हेक्टेयर में गेहूं व 30 हजार हेक्टेयर में चना की बाेवनी हुई थी।
यूरिया वितरण की ऑनलाइन हाेगी माॅनिटिरंग : राेजाना पाेर्टल पर दर्ज हाेगी किसे, कितना दिया यूरिया
किसानाें काे यूरिया वितरण की ऑनलाइन माॅनिटिरंग हाेगी। यूरिया प्रति एकड़ एक बाेरी के मान से दिया जाएगा। किसान की ऋण पुस्तिका में यूरिया सहित अन्य खाद की मात्रा दर्ज हाेगी। पीओएस मशीन में किसान का अंगूठा लगेगा। आधार कार्ड व ऋण पुस्तिका की फाेटाेकाॅपी दुकानदार के पास जमा हाेगी। पीओएस मशीन के साथ ही किसान की पूरी जानकारी ऑनलाइन पाेर्टल पर दर्ज करना हाेगी।
यह है वैज्ञानिकों की अनुशंसा : कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक 26.1 केजी यूरिया पहले पानी और इतना ही यूरिया दूसरे पानी पर देना चाहिए। यह वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित मात्रा है। जिससे किसानों को फायदा मिल सकें।
दुकानदार काे पाेर्टल पर ऑनलाइन करना हाेगी एंट्री
पीओएस मशीन में अंगूठा लगाने के बाद दुकानदार काे पाेर्टल पर ऑनलाइन एंट्री करना हाेगी। शाम तक पाेर्टल पर पूरी जानकारी दर्ज हाेगी। तय मात्रा से यूरिया किसान काे नहीं मिलेगी। दुकानदार गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। गड़बड़ी करने वालाें पर कार्रवाई हाेगी।
– एमपीएस चंद्रावत, डीडीए, हरदा
इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता कम हाेने लगी है
यूरिया के अधिक उपयोग से जमीन की निचली सतह हार्ड हाेने लगी है। इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता कम हाेने लगी है। किसानों काे तय मात्रा में यूरिया सहित अन्य खाद के उपयोग के लिए जागरूक करना चाहिए।
– डाॅ. एसके तिवारी, मृदा वैज्ञानिक, केवीके, हरदा