धार11 मिनट पहले
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- सात साल में जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 12 से अधिक पुरस्कार जीते धार की बेटी शिवानी ने
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आज हम शहर की ऐसी बेटी के मिलवा रहे हैं, जाे अपने जुनून से ना सिर्फ बेहतर खिलाड़ी बनी, बल्कि अपने से छाेटाें काे खेल से जाेड़ रही है। वाे बालिका जयप्रकाश मार्ग निवासी शिवानी पिता जयप्रकाश चाैधरी है। बीते सात सालाें में खुद काे बैडमिंटन में पारंगत कर चुकी 15 वर्षीय शिवानी की कहानी चुनाैतियाें से भरी है।
पहली चुनाैती बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए आर्थिक कमजोरी और दूसरी सामाजिक कुरीतियों से लड़ने की। इन चुनाैतियाें से लड़कर ही आज शिवानी ने खुद काे सर्वश्रेष्ठ बनाया है। पिता जयप्रकाश ने बताया 12 साल की उम्र में ही शिवानी के लिए लगभग 14 रिश्ते आ गए थे। मगर बेटी के जुनून काे देखते हुए सभी रिश्ते नकार दिए। शिवानी ने भी बैडमिंटन में ध्यान लगाया।
नतीजा यह रहा कि सात साल में उसने जिला, राज्य व स्कूल नेशनल प्रतियाेगिताओं में पुरस्कार जीतकर परिवार के साथ समाज का नाम भी ऊंचा किया। शिवानी ने बताया अब वे अपने से छाेटी उम्र के खिलाड़ियाें काे बैडमिंटन की प्रेक्टिस करा रही हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी प्रदेश व देश में धार का नाम गाैरवांवित करें।
परिवार का समर्पण : बेटी के लिए लिया 4 लाख का कर्ज
शिवानी काे बैडमिंटन में प्राेत्साहित करने के लिए परिवार का भी याेगदान है। बेटी में बैडमिंटन का जुनून देखते हुए परिवार ने उसका मनाेबल बढ़ाया। पिता का दूध का व्यवसाय है। ऐसे में महंगी खेल किट खरीदने के लिए रुपयाें का अभाव था। शिवानी के अनुसार ओपन स्टेट में लगभग 10 हजार व नेशनल में 20 हजार रुपए की किट पड़ती है। इतना ताे इस परिवार का मासिक खर्च है। ऐसी स्थिति में पिता ने साढ़े तीन से चार लाख रु. का कर्ज लिया।
बड़ी उपलब्धि : ग्वालियर में सीनियर खिलाड़ी गाैरी चीते काे दी थी मात
शिवानी काे ग्वालियर में सबसे बड़ी उपलब्धि मिली थी। वर्ष 2016 में ग्वालियर में आयाेजित स्टेट बैडमिंटन टूर्नामेंट में उनकी प्रतिद्वंदी ओपन नेशनल चैंपियन सीनियर खिलाड़ी गाैरी चीते (इंदाैर) थी। शिवानी के अनुसार इंज्युरी की वजह से गाैरी काे रैकेट मारने में काफी दिक्कत हाेती थी। उनकी इसी कमजाेर काे आधार बनाकर शिवानी ने गाैरी काे पहले 21-17 और इसके बाद 21-13 पाइंट से हराया था।
आगे क्या : छाेटी बहन काे तीरंदाजी का प्रशिक्षण दिलवा रही : शिवानी आर्थिक स्थिति कमजाेर हाेने के बावजूद अपनी छाेटी बहन अर्पिता चाैधरी (8) काे तीरंदाजी में पारंगत कर रही हैं। इसके लिए वे उसे प्रशिक्षण भी दिलवा रही हैं।
7 साल में ये स्पर्धाएं खेली
03 तीन राज्य स्तरीय प्रतियाेगिताएं भाेपाल, मंदसाैर, छिंदवाड़ा में खेली।
02 ऑल इंडिया प्रतियाेगिताएं कर्नाटक व नागपुर में खेली।
03 जिला स्तरीय प्रतियाेगिताएं। दाे बुरहानपुर, एक इंदाैर में खेली।