- Hindi News
- Local
- Mp
- Jabalpur
- Agricultural Produce From Mandi Gate To Deendayal Chowk Became A Problem Of Vegetable Carts, One Is Dark And It Is Occupied By The Middle Road
जबलपुर14 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
दीनदयाल चौराहे से मण्डी गेट तक जमे ठेले, टपरे और अन्य कब्जों की वजह से यहाँ दिनभर कई बार जाम की स्थिति बनती है।
- हटाने की कार्रवाई सालों से नहीं हुई, बड़े वाहनों के निकलते वक्त हर पल साँसत में रहती है लोगों की जान, लाखों की आबादी पर असर
- खासकर शाम के वक्त तो हालात ऐसे हैं कि इनकी वजह से निकलना हर समय खतरों से भरा रहता है
दमोहनाका से दीनदयाल चौक तक शाम और रात के वक्त जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। इसकी वजह यह है कि इस मार्ग पर जैसे ही कृषि उपज मण्डी गेट के सामने से आगे पहुंचेंगे तो फल और सब्जी के ठेले वाले बीच सड़क तक कब्जा किये हुये रहते हैं। खासकर शाम के वक्त तो हालात ऐसे हैं कि इनकी वजह से निकलना हर समय खतरों से भरा रहता है।
इस मार्ग पर वैसे ही बड़े वाहन हर समय निकलते हैं उस पर बंद स्ट्रीट लाइटें और अंधकार के बीच सब्जी के ठेले पूरे यातायात को चौपट करने उतारू रहते हैं। इस पूरे इलाके में अस्थाई अतिक्रमण कस्बाई हालात बना रहे हैं, उस पर सब्जी के ठेले वाले अतिक्रमण कर पूरी ट्रैफिक व्यवस्था को ठिकाने लगाने उतारू हैं।
इनको हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम अतिक्रमण विभाग की है, लेकिन अतिक्रमण को हटाने वाला दस्ता सालों से यहाँ से नहीं गुजरा है। इसी का नतीजा है कि ये ठेले वाले अब और आजादी के साथ सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह से बंद करने पर उतारू हैं। बस हर तरफ नजारा यहाँ पर अराजक है और निकलने वाली जनता परेशान है।
चौड़ी सड़क को ठेले वालों ने कर दिया संकरा
किसी सड़क के सँकरे होने पर यातायात अवरुद्ध हो तो बात कुछ समझ में आती है, यहाँ तो ऐसी स्थिति बिल्कुल भी नहीं है। अच्छी खासी 100 फीट की सड़क में एक हिस्सा भी चलने लायक नहीं रहता है। जब बड़े वाहन इस हिस्से से निकलते हैं तो अन्य वाहन चालक को समझ नहीं आता है कि आगे कैसे बढ़ें।
इस पर भी सब्जी के ठेले वाले बीच सड़क तक ठेला जमाए रहते हैं, ऊपर से सब्जी लेने वाले ग्राहक अपने वाहन सड़क के आधे हिस्से तक खड़े कर देते हैं। इस तरह से कृषि उपज मण्डी से दीनदयाल चौक तक सब्जी के ठेले वाले अच्छी खासी फजीहत पैदा कर रहे हैं।
पूरे स्वरूप को कस्बाई बना दिया
सब्जी और फल ठेले वालों ने इस पूरे इलाके का स्वरूप कस्बाई बना दिया है। नजदीक ही बस टर्मिनस है। िवजय नगर और आसपास दर्जनों अच्छी काॅलोनियाँ करीब हैं। शहर का अच्छा रिहायशी एरिया यहाँ पर विकसित हो रहा है, पर इस तरह के अस्थाई अतिक्रमण पूरे क्षेत्र को कस्बाई स्वरूप प्रदान कर रहे हैं। शाम को तो यहाँ से निकलते वक्त लगता ही नहीं है कि नगर निगम के किसी शहरी हिस्से से गुजर रहे हैं सब कुछ कस्बाई नजर आता है।
डिवाइडर पर आवारा जानवर जमा
इस मार्ग पर एक तरफ सब्जी के ठेले हैं तो बीच के हिस्से में जो डिवाइडर बनाये गये हैं वे जमीन से ज्यादा ऊपर न होने से इनमें आवारा जानवर खड़े हो जाते हैं। ये आवारा जानवर चलते वाहनों के सामने कभी भी खड़े हो जाते हैं। कई बारी इनकी वजह से सही राह में चलता आदमी दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
वाहन चलाने वालों को उतनी जगह नहीं मिलती है कि वाे किसी तरह से अपने तेज गति से चलते वाहन को नियंत्रित कर ले। पूरे मार्ग पर शाम के वक्त हालात बहुत बदतर नजर आते हैं। जो काॅलोनियों और बस्तियों, गाँवों की ओर जाने वाली जनता यहाँ से गुजरती है वह व्यवस्था को कोसती हुई निकलती है।