मुरैना6 घंटे पहले
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- शनिवार को तरसमा में शहीद उपेंद्र सिंह तोमर का सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार
सेना की आर्टिलरी के हवलदार उपेंद्र सिंह तोमर ड्यूटी के दौरान पलवल में शहीद हो गए। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को शहीद भूमि तरसमा में सैनिक सम्मान से किया गया। मझले बेटे को अंतिम विदाई देते हुए पिता व रिटायर सूबेदार मेजर नहबर सिंह तोमर ने कहा कि सेना तो शहादत का ही नाम है…सदियों तक अमर रहेगा मेरा लाल। तरसमा के रहने वाले हवलदार उपेंद्र सिंह तोमर 8 जून को गंगानगर डिपो को गोला-बारुद सप्लाई करके भरतपुर वापस लौट रहे थे। डोडल में उनके सिर में तेज दर्द की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन ब्रेन हेमरेज के कारण उन्होंने वीरगति प्राप्त की।
शुक्रवार की शाम 7 बजे शहीद उपेंद्र तोमर 39 साल की पार्थिव देह जब उनके पैतृक गांव तरसमा लाई गई तो ताबूत से लिपटकर पत्नी रश्मि ने विलाप करते हुए कहा कि आप तो दिवाली पर घर आने का वादा कर रहे थे। बेटा रामू भी चला गया और आप भी साथ छोड़ गए, अब मैं किसके लिए जिऊंगी। शनिवार को शहीद का अंतिम संस्कार शहीद पार्क में किया गया।
सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रृद्धासुमन अर्पित किए। शहीद उपेंद्र तीन भाईयों के बीच मझले भाई थे। उनके बड़े भाई रामेन्द्र सिंह जनवरी में सेना से रिटायर होकर आए हैं। छोटा भाई रोहतास सिंह अभी जम्मू में सेना की आर्टिलरी डिवीजन में सेवाएं दे रहा है। शहीद अपने पीछे 13 साल की बेटी गौरी को मां के सहारे छोड़ गए ।