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- Despite The Cashless Facility, How Did The Cash Amount, While The Provision To Recruit Cardholder Without Money, Two Hospitals Fined One And A Half Lakh
जबलपुर14 घंटे पहले
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महाकोशल हॉस्पिटल। (फाइल फोटो)
- शैल्बी और महाकौशल हॉस्पिटल पर सीजीएचएस की कार्रवाई
- अधिकांश अस्पतालों ने वसूली में कोई कसर छोड़ी
जिस दौरान कोविड-19 पीक पर रहा उसी दौरान निजी अस्पतालों ने मरीजों से खूब वसूली की। खास बात यह है कि सीजीएचएस की कैशलेस सुविधा वाले पेशेंट्स को एडमिट करने से मनाही की जाती रही। पूरा उपचार नकद पेमेंट पर किया गया।
शिकायतों और सबूतों पर गौर करने के बाद सीजीएचएस एडीशनल डायरेक्टर ने शैल्बी और महाकोशल हॉस्पिटल पर डेढ़-डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया है। सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम में इस बात का साफ प्रावधान है कि कार्डहोल्डर को बगैर पैसे लिए एडमिट किया जाए। इसके लिए दिल्ली मुख्यालय ने रेट लिस्ट भी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद शहर के अधिकांश अस्पतालों ने न इस गाइडलाइन का पालन किया और न ही वसूली में कोई कसर छोड़ी।
सिक्योरिटी डिपॉजिट से कटेगा जुर्माना
शिकायतें मिलने पर सीजीएचएस की ओर से छानबीन शुरू की गई। पड़ताल में सच्चाई सामने आने के बाद शैल्बी और महाकोशल अस्पताल के खिलाफ जुर्माना तय किया गया और जुर्माने की रकम अस्पतालों के साथ अनुबंध की सिक्योरिटी राशि से काटने के आदेश भी जारी कर दिए गए।
5 की शिकायत, कार्यवाही दो पर
सीजीएचएस हितग्राहियों से रकम वसूली के मामले पर पाँच अस्पतालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। सिटिजन वेलफेयर एसोसिएशन के सुभाष चंद्रा, कुंवर सिंह, एसपी त्यागी, एसके मिश्रा व पीके मल्होत्रा का आरोप है कि एडीशनल डायरेक्टर के संरक्षण में निजी अस्पतालों के हौसले बुलंद हैं। अँधाधुँध वसूली की जा रही है।
दो ने पैसे भी लौटाए
संक्रमण के तेजी से फैलने के दौरान जब सीजीएचएस कार्ड होल्डर्स को एडमिट नहीं किया जा रहा था तभी कुछ और अस्पतालों में नकद वसूली के मामले सामने आए। हालाँकि शिकायत के बाद स्वास्तिक और मेडिसिटी हॉस्पिटल प्रबंधन ने यह कहते हुए रकम वापस कर दी कि उन्हें मरीज के सीजीएचएस हितग्राही होने की जानकारी ही नहीं दी गई थी।
स्टेशन कमांडर से मिले पूर्व सैनिकों ने कहा, हमारे लिए दवाइयां नहीं
पूर्व सैनिकों को ईसीएचएस के जरिए मिलने वाली सुविधाओं में कुछ परेशानियां सामने आई हैं। यही वजह है कि पूर्व सैनिक जन कल्याण समिति के पूर्व सैनिकों ने मध्य भारत एरिया के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राजेश नेगी से मुलाकात की। पूर्व सैनिकों का कहना रहा कि ईसीएचएस में समय पर दवाइयाँ हासिल नहीं हो रही हैं।
दूसरी तरफ निजी अस्पतालों को समय पर भुगतान न मिलने से पूर्व सैनिकों के उपचार में बेरुखी नजर आती है। स्टेशन कमांडर ने भरोसा दिया है कि जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा। इस दौरान समिति के संरक्षक कर्नल (सेनि.) सत्येंद्र धौरेलिया, अध्यक्ष एके शर्मा व उपाध्यक्ष जलेराम मौजूद रहे।
डेढ़ महीने सतर्कता के, नहीं माने तो बढ़ेगी सख्ती
अब मौसम में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है और संक्रमित मरीज भी कम हो रहे हैं लेकिन सावधानी ही कोरोना वायरस से बचाव है। अगले एक से डेढ़ महीने सतर्कता के हैं इसलिये सभी लोग कोविड-19 के तय प्रोटोकॉल का पालन करें। यह बात कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कही और कहा कि बिना मास्क लगाये और बेवजह लोग घरों से बाहर न निकलें, नहीं तो हमें सख्ती बढ़ानी पड़ेगी। कोविड-19 की रोकथाम के लिए 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक मिशन मास्क, जबलपुर जीतेगा, कोरोना हारेगा, जन जागरण अभियान भी शुरू हो रहा है।
इसमें स्वास्थ्य विभाग के मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, महिला बाल विकास विभाग की आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका व स्वयंसेवी सामाजिक संगठन के सदस्यों का संयुक्त दल गठित किया जाएगा, जबलपुर के समस्त ग्रामों एवं बस्तियों में घर-घर जाकर वे नागरिकों से मास्क लगाने का आग्रह करेंगे।
इस दौरान वे मास्क वितरण करेंगे और मास्क लगाकर ही संवाद करेंगे। कलेक्टर ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण जैसे स्वाद का जाना, सर्दी-खाँसी, बुखार होने पर निकट के फीवर क्लीनिकों में जाँच कराई जाये।