फूप35 मिनट पहले
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एनएच इटावा ने दी पुल गिरने की चेतावनी
नेशनल हाईवे-92 की भिंड इटावा रोड पर बरही के निकट 44 साल पुराने चंबल नदी के पुल के 6 गाडर में क्रेक हैं। बावजूद चंबल पुल पर रेत, गिट्टी से भरे वाहनों के एक साथ भारी संख्या में खड़े हो जाने से वह कभी भी धराशायी हो सकता है। जबकि इस संबंध में एनएच इटावा के इंजीनियर कई बार इटावा कलेक्टर को पत्र लिखकर यह चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन इटावा प्रशासन की इस हठधर्मिता से कभी भी इस हाईवे एमपी-यूपी का संपर्क कट सकता है।
5 घंटे तक 6 किलोमीटर में थमे रहे वाहनों के पहिए
रविवार की अलसुबह उदी के पास इटावा प्रशासन द्वारा रेत के वाहनों की चेकिंग शुुरू करने से सुबह पांच बजे से वाहनों के पहिए थमना शुरू हो गए। यूपी सीमा में उदी से चंबल पुल तक करीब तीन किमी में वाहनों की लंबी कतार लग गई। जबकि चंबल पुल से बरही टोल तक करीब तीन किमी में भी यही हाल रहा। स्थिति यह रही यह 6 किमी का सफर लोग 4 घंटे में पूरा कर पाए।
16 साल में 10 बार खराबी
- 2002: बेयरिंग टूटने से एक माह पुल पर ट्रैफिक बंद रहा।
- 2008: पुल की एक स्लैब में दरार आ गई थी।
- 2012: फिर स्लैब धंसकी, एक माह तक ट्रैफिक बंद रहा।
- 2013: पिलर की ज्वाइंट एक्सटेंशन बेयरिंग खराब हुई। {2016: दो बार खराबी आई।
- 2018: दो बार पुल में खराबी आई, कई दिनों तक ट्रैफिक रोका।
- वर्ष 2019: पुल में खराबी आई।
- वर्ष 2020: पुल के गर्डर में क्रेक