शिवपुरी7 मिनट पहले
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- एक सप्ताह में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी जायजा लेने आएंगे, हरी झंडी मिलते ही दाैड़ेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें
- अब तक मुंबई-गुजरात जाने वाली ट्रेनें बीना-गुना ट्रैक से गुजरती थीं, नई ट्रेनें मिलने की भी उम्मीद, स्पीड भी 10% तक बढ़ेगी
गुना से ग्वालियर पर शनिवार की रात इलेक्ट्रिक इंजन दाैड़ाया गया। इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए ग्वालियर-गुना ट्रैक अब पूरी तरह तैयार है। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी का इसी सप्ताह के आखिर निरीक्षण होगा। सीअारएफ की हरी झंडी मिलते ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां यहां से गुजरना शुरू हाे जाएंगी। साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए 130 किमी की दूरी घट जाएगी। जो गाड़ियां अभी तक बाया कानपुर, झांसी, बीना से गुना होकर जाती थीं, वे अब सीधे ग्वालियर, शिवपुरी, गुना होते जा सकेंगी।
रेलवे लाइन के विद्युतीकरण से शिवपुरी जिले की जनता को नई गाड़ियां सौगात मिलेंगी। वहीं समय और डीजल दोनों की बचत से होने से जनता और रेलवे विभाग को आर्थिक फायदा होगा। बताया जा रहा है कि इसी महीने इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ना शुरू हो सकती हैं।
इसी माह इलेक्ट्रिक गाड़ियां ट्रैक पर दौड़ने की उम्मीद
रेलवे सूत्रों के मानें तो कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ट्रैक का जायजा लेने एक सप्ताह के भीतर आएंगे। सुरक्षा संबंधी परीक्षण के बाद इजाजत देने के साथ इसी महीने से इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ना शुरू हो जाएंगी। लोको ट्रायल के लिए इलेक्ट्रिक इंजन गुना से चलकर शनिवार शाम 5.30 बजे शिवपुरी पहुंचा और फिर ग्वालियर से रात 10.40 बजे वापस आकर गुना चला गया। इसी के साथ लोको ट्रायल पूरा हुआ।
फायदा: मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की 130 किमी की दूरी कम होगी
ग्वालियर, झांसी और बीना से गुना होते हुए मेल एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। लंबी दूरी की इन ट्रेनाें की दूरी कम करने रेलवे विभाग पहले से योजना बना रहा है। शिवपुरी से होकर मेल एक्सप्रेस गाड़ियां निकालने पर 130 किमी दूरी का सीधा अंतर आएगा। यानी शिवपुरी जिले के लोगों को फायदा होगा। दिल्ली जाना हो या फिर इंदौर, मुंबई या फिर गुजरात, गाड़ियां सीधे उपलब्ध होंगी। इससे लोगों को सुविधा होगी।
ये 3 फायदे: रेलवे और जनता को समय व पैसे की बचत से आर्थिक लाभ होगा
1. डीजल की बचत: डीजल इंजन बंद होने से डीजल की खपत बंद हो जाएगी। इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में डीजल की ज्यादा खपत होती है। रेलवे को लाइट सस्ती और डीजल मंहगा पड़ता है।
2. समय की बचत: ग्वालियर और गुना में डीजल लोको पर इलेक्ट्रिक की जगह डीजल इंजन बदलने पड़ते थे जिसमें 40 से 45 मिनट का वक्त लगता था। एक ही इंजन लगेगा और रनिंग में सीधे तौर पर डेढ़ घंटे का अंतर आएगा।
3. स्पीड 10% बढ़ेगी: डीजल इंजन की तुलना में इलेक्ट्रिक इंजन की गति ज्यादा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब स्पीड 10% बढ़ जाएगी। मंजिल तक पहुंचने में यात्रियों पहले से कम समय लगेगा और सफर छोटा हो जाएगा।
शिवपुरी से इन गाड़ियों के निकाले जाने की उम्मीद
साबरमती, देहरादून, जम्मू तवी ट्रेन, मालवा एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों शिवपुरी से होकर निकाली जा सकती हैं। अभी यह ट्रेन बीना, गुना होकर जाती हैं। दूरी कम करने के लिए रेलवे पहले से योजना बना रहा था। वहीं माल गाड़ियां भी बढ़ेंगी और व्यापारियों को सामान मंगाना और भेजना आसान होगा।
इलेक्ट्रिक इंजन से लोको ट्रायल हो गया है
गुना से शिवपुरी के बाद शिवपुरी से ग्वालियर तक भी विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। शनिवार को इलेक्ट्रिक इंजन से लाेको ट्रायल भी हो चुका है। कमिश्नर और रेलवे सेफ्टी सुरक्षा परीक्षण करने आएंगे। परमिशन मिलने के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलना शुरू हो जाएंगी।
उमेश कुमार मिश्रा, स्टेशन मास्टर