No pipeline shift and hastily started road construction, now work stops jammed at peak time | पाइप लाइन शिफ्ट की नहीं और जल्दबाजी में सड़क निर्माण कर दिया शुरू, अब काम बंद होने से पीक टाइम पर लग रहा जाम

No pipeline shift and hastily started road construction, now work stops jammed at peak time | पाइप लाइन शिफ्ट की नहीं और जल्दबाजी में सड़क निर्माण कर दिया शुरू, अब काम बंद होने से पीक टाइम पर लग रहा जाम


जबलपुर2 घंटे पहले

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रेलवे क्रॉसिंग के पास सड़क के अधूरे निर्माण से दिनभर लगता है जाम, राहगीरों का चलना हुआ मुश्किल।

  • गढ़ा रेलवे क्राॅसिंग से गुलौआ-गौतम मढ़िया तक सड़क का थोड़ा निर्माण किया फिर काम बंद कर दिया

गढ़ा रेलवे क्राॅसिंग से गुलौआ होते हुये गौतम मढ़िया तक सड़क का निर्माण हो रहा है। इसमें शुरूआती हिस्सा सीमेण्टेड तो शेष हिस्सा डामरीकृत किया जाना है। इस निर्माण में एक परेशानी यह सामने आई है कि गुलौआ टंकी के सामने के हिस्से में पाइप लाइन शिफ्ट किये वगैर नई सड़क का निर्माण नहीं हो सकता है। नगर निगम ने आनन-फानन में रेलवे क्राॅसिंग से सड़क का निर्माण तो चालू करा दिया है लेकिन पाइप को शिफ्ट करने का इंतजाम नहीं किया। अब ठेकेदार ने थाेड़ा सा हिस्सा सीमेण्टेड बनाने के बाद काम बंद कर दिया है। नगर निगम के इस अजीब वर्क कल्चर से जनता हलाकान है। यहाँ से निकलने वाली हजारों की आबादी पीक टाइम में जाम में फँस रही है। ट्रेन आते-जाते वक्त जब फाटक बंद होता है तो उस समय जैसे जनता की शामत आ जाती है। एक हिस्से में चल नहीं सकते कि सड़क अधूरी बनाकर छोड़ दी और दूसरे हिस्से में जहाँ सड़क बनी नहीं उस पर यातायात का पूरा दबाव रहता है।

पहले करनी थी पाइप लाइन की शिफ्टिंग

वीरसावरकर वार्ड के पार्षद संजय राठौर कहते हैं कि लीकेज का स्थाई इंतजाम और पाइप लाइन को शिफ्ट किया जाना चाहिए था। लेकिन इस ओर नगर निगम ने ध्यान ही नहीं दिया। सड़क एक हिस्से में कुछ दूरी तक बनाने के बाद आगे काम बंद कर दिया क्योंकि अब आगे बड़ी तकनीकी समस्या है। काम करने का ऐसा तरीका जनता को सीधे तौर पर परेशान करने जैसा है। वहीं, नगर निगम अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा का कहना है कि सड़क को समय सीमा में बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी। समस्या का भी समाधान निकाला जाएगा।

आगे के मार्ग में भी यही रोना

इसी तरह गौतम मढ़िया से संजीवनी नगर की ओर जो सीमेण्टेड सड़क बन रही है उसमें भी दो से तीन प्वाइंट ऐसे हैं जिसमें नीचे पाइप लाइन का लीकेज परेशान करता है। अब यदि यहाँ पर सीमेण्टेड सड़क पूरी तरह सुधार के पहले बना दी जाती है तो ऐसा निर्माण पैसों की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है। कोई भी निर्माण आने वाले 15 से 25 सालों तक के विजन के आधार पर होता है पर यहाँ देखकर लगता है कि सब कुछ पुराने ढर्रे पर है।

लीकेज का स्थाई रोना

गुलौआ चौक में पाइप लीकेज का स्थाई रोना है। यहाँ भी दो प्वाइंट ऐसे हैं जहाँ पर पाइप लाइन लीकेज की वजह से साल भर में दो बार सड़क को खोदना पड़ता है। इस चौराहे में सड़क को सीमेण्टेड नहीं डामरीकृत होना है इसका भी समाधान किये बिना कोई निर्माण होता है तो जनता के पैसों की बर्बादी ही है। पूर्व में जब भी सड़क बनी है या थोड़ा सुधार हुआ है तब भी कुछ दिनों के अंदर लीकेज की वजह से सड़क को खोदना पड़ा है। क्षेत्रीय नागरिक राम स्वरूप गुप्ता, जेपी गुप्ता कहते हैं कि सड़क बनाने के पहले केबल, पाइप, सीवर सभी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। बिना कमियाँ दूर करे सड़क बनती है तो इससे किसी का भला नहीं हो सकता है। अभी जो काम करने का तरीका है उससे लाखों की आबादी वैसे ही परेशान है। इन मार्गों से लाखों की आबादी का सीधा नाता है।



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