पेंडिंग केसों की समीक्षा के दौरान इस केस की फाइल खुली. प्रतीकात्मक तस्वीर
सुनील और लखन नाम के आरोपियों ने 4 साल पहले मासूम को अगवा (Kidnap) कर रेप (rape) किया था. दोनों की गिरफ्तारी पर 7 हजार रुपये का इनाम था.
इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में एक परिवार ने अपनी बच्ची के अपहरण की शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मासूम की तलाश शुरू की. बच्ची तो मिल गयी लेकिन आरोपी को पकड़ने में पुलिस के पसीने छूट गए. जब बच्ची मिली तो उसने अपने साथ दुराचार होने की बात बतायी थी. पुलिस ने उस वक़्त सुनील और लखन नाम के दो आरोपियों के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी थी. शुरुआती वक़्त में पुलिस ने आरोपियों की तलाश की लेकिन दोनों नहीं मिले.
गिरफ्तारी पर था इनाम
चार साल तक चकमा देने के बाद अंतत कुछ समय पहले पुलिस ने लखन नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी पर पर सात हजार रूपये का इनाम था. लखन की ही निशानदेही पर पुलिस ने इस मामले के दूसरे आरोपी सुनील को गिरफ्तार किया. सुनील को गिरफ्तार करने के लिए एक दल का गठन किया गया था,उस दल ने आरोपी के संभावित ठिकानों के आसपास डेरा डाला और सादी वर्दी में रेकी की. सुबह के वक़्त जब सुनील अपने घर से कहीं जा रहा था, उसे वक़्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इसकी गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक ने सात हजार रूपये का इनाम घोषित किया था. आरोपी बीते कुछ समय से अपना हुलिया बदल बदलकर रहा था. ताकि पुलिस को उसकी भनक नहीं लग पाए.
पुलिस का बयान
राजेद्र नगर थाना प्रभारी अमृता सोलंकी के मुताबिक़ पुलिस अधीक्षक महेशचंद जैन से प्राप्त पुराने पेंडिंग अपराधों की समीक्षा के दौरान इस मामले की समीक्षा शुरू की तो पता चला कि चार साल पुराने अपहरण और बलात्कार के मामले में दो आरोपी फरार चल रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग अलग टीम तैनात की गईं. और सुनील और लखन को गिरफ्तार कर लिया गया.दोनों पर सात सात हजार रूपये का इनाम घोषित था.