दमोह15 घंटे पहले
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- देर रात कोविड-19 केयर सेंटर पहुंची महिला को वन स्टॉप सेंटर में ठहराया गया
गार्ड लाइन निवासी एक शासकीय कर्मचारी ने घरेलू विवाद पर अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया। महिला अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ कोविड केयर सेंटर पहुंच गई। मामले की सूचना अधिकारियों को दी गई तो महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने महिला कोविड सेंटर सेंटर से वन स्टाॅप सेंटर भिजवा दिया। सुबह दोनों पक्षों को अधिकारी ने कार्यालय बुलाया और मामले को लेकर पूछताछ की, इस बीच पति पत्नी को अपने साथ ले जाने के लिए राजी हो गया।
भोपाल निवासी महिला रंजना साकेत का कहना था कि वह 9 माह से गर्भवती है। उसका पति गोपालदास उसे प्रताड़ित करता है और रात में बाइक से कोविड सेंटर छोड़कर चला गया। महिला ने बताया कि उसे स्वयं कुछ पता नहीं है कहां जाना है क्या करना है। उसके साथ उसका डेढ़ साल का बेटा भी है।
महिला का पति बटियागढ़ में प्रधानमंत्री आवास में ब्लॉक कोऑर्डिनेट है
महिला का आरोप है कि पति के द्वारा घर से बाहर निकाल दिया गया, वह किसी को यहां पर जानती नहीं है, भोपाल की रहने वाली है। महिला ने बताया कि महिला द्वारा गर्भवती होने के चलते नौकरी ना कर पाने की वजह से परेशान किया जा रहा है। पति एवं ससुराल वाले बार-बार डिमांड करते हैं और शादी के वक्त कम पैसा मिलने के कारण वह ऐसा कर रहे हैं। महिला का कहना है कि बीएचएमएस तक उसने पढ़ाई की है और 3 माह पहले उसकी नियुक्ति कोविड-19 सेंटर में हुई थी।
मगर महिला के गर्भवती होने के कारण उसे ड्यूटी ज्वाइन नहीं कराई गई। इसी वजह से महिला के पति ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। दमोह में अपने पति के साथ निवास करती है। उसका पति बटियागढ़ में प्रधानमंत्री आवास में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर हैं। इस संबंध में महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजीव मिश्रा ने बताया कि महिला रात में कोविड सेंटर पहुंची थी, इसकी शिकायत मिली थी। उसे गाड़ी से भेजकर वन स्टॉप सेंटर में रोका गया था। सुबह महिला के पति को बुलाया था पति और पत्नी के बीच बातचीत के बाद उनकी आपसी सुलह हो गई। इसलिए दोनों को साथ भेजा दिया गया है।