इंदौर12 मिनट पहले
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भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर की सभा चुन्नू-मुन्न् कहा था।
- कांग्रेस नेता नरेंद्र सिंह सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय को कहा – सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसी भाषा बोलते हैं
- विजयवर्गीय ने कहा था चुन्नू और मुन्नू की सभा में कितनी भीड़ होती थी, कहीं 50 की और कहीं 100 की भीड़ होती थी
सांवेर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया। नामांकन के पहले हुई सभा में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चुन्नू-मुन्नू कर हमला बोला। विजयवर्गीय के बयान के कुछ देर बाद ही कांग्रेस नेता ने पलटवार करते हुए कैलाश विजयवर्गीय को नुन्नू और उनके बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय को मुन्नू बता दिया। सलूजा ने कहा कि 2018 के विस चुनाव में इन नुन्नू पर पूरे इंदौर संभाग में भाजपा को जिताने की ज़िम्मेदारी दी थी, लेकिन ये नन्नू महाराज सिर्फ़ अपने मुन्नू महाराज को जिताने में ही लगे रहे और पूरी पार्टी को संभाग में हरवा दिया। बता दें कि इसके पहले सिलावट ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को पंक्षी कहा था, जवाब में गुड्डू ने सिलावट को कौआ कहा था।
कांग्रेस नेता नरेंद्र सिंह सलूजा ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय भले ही राष्ट्रीय महासचिव बन गए, लेकिन आज भी उनका कद बहुत छोटा है। हल्की भाषा का इस्तेमाल करते हैं। बड़बोले हैं, सस्ती लोकप्रियता के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने का शौक है। वे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चुन्नू-मुन्नू कह रहे हैं। कहते हैं कि चुन्नू-मुन्नू की सभाओं में भीड़ नहीं होती थी। यदि भीड़ नहीं होती तो 2018 में कमलनाथ मुख्यमंत्री कैसे बनते, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार कैसे बनती। शिवराज जी घर कैसे बैठते।
2018 में इन्हीं नुन्नू महोदय के पास मुन्नू सहित पूरे संभाग में भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी थी। लेकिन इन नुन्नू ने अपने मुन्नू को जिताने के लिए पूरी पार्टी को दांव पर लगा दिया। 37 सीटें छोड़कर ये नुन्न महाराज अपने मुन्नू को जिताने में लगे रहे, पूरी पार्टी हार गई। सरकार नहीं बनी। यह हम नहीं भाजपा के नेता अपने बयानों में कहते हैं। वे कहते हैं कि शिवराज को हराने का काम कैलाश विजयवर्गीय ने किया। ये इतने बड़े नेता के बारे में इस प्रकार की बातें कर रहे हैं। सभा देखना हो तो शिवराज की देख लो, पूरी कुर्सियां खाली रहती हैं। सांवेर की सभा याद होगी, जिसमें आप खुद शामिल थे। कमलनाथ की सभा में तो पैर रखने की जगह नहीं रहती। यदि भीड़ देख लोगे तो चेहरे का रंग उड़ जाएगा। परिणाम आ जाने दो पता चल जाएगा। कौन नन्नू है और कौन चुन्नू है।
विजयवर्गीय ने यह कहा था
विजयवर्गीय बोले – कांग्रेस के नेताओं की हालत यह है कि ये दोनों चुन्नू-मुन्नू, दिग्विजय और कमलनाथ इतने कलाकार हैं कि जब विधानसभा के चुनाव हो रहे तो मैं भी सब दूर प्रचार कर रहा था। मैं भी देख रहा था हेलिकॉप्टर से कि चुन्नू और मुन्नू की सभा में कितनी भीड़ होती थी। कहीं 50 की और कहीं 100 की भीड़ होती थी। लोग आते ही नहीं थे इनकी सभा में। इसके बाद इन्होंने सिंधिया जी को पकड़ा और अपना वचन पत्र थमा दिया। सिंधिया जी खानदानी आदमी। उन्होंने ने भी चुन्नू मुन्नू की बातों में आकर बाहें ऊंची कर कह दिया कि हां किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ होगा। 8 दिन में हम माफ कर देंगे। 8 दिन निकले 15 दिन निकले, 8 महीने निकल गए। सिंधिया जी ने कहा कमलनाथ जी आपने पूरे प्रदेश में मुझसे कहलवाया कि कर्ज माफ होगा। दूधवालों को बोनस मिलेगा। वे कहते अभी जल्दी में हूं, खजाने में पैसा नहीं है। चलो-चलो बाद में देखते हैं। ये चुन्नू-मुन्नू दोनों मुख्यमंत्री बन गए और प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग शुरू कर दिया। एक ट्रांसफर कर रहा था, दूसरा नोट गिर रहा था।