The recognition of the school for five years finally overshadowed the JD in charge. | स्कूल को पाँच साल की मान्यता देना आखिरकार प्रभारी जेडी को भारी पड़ा

The recognition of the school for five years finally overshadowed the JD in charge. | स्कूल को पाँच साल की मान्यता देना आखिरकार प्रभारी जेडी को भारी पड़ा


जबलपुर5 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

संयुक्त संचालक के प्रभार में रहीं एक पूर्व महिला डीईओ कामायनी कश्यप को एक स्कूल को 5 साल की मान्यता देना भारी पड़ गया। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब दो स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अपने लिए भी 5-5 साल की अवधि के लिए मान्यता पाने की राहत चाही थी। हाईकोर्ट द्वारा अपनाए गए कड़े रुख के बाद लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने इस मामले पर कोर्ट में जवाब दाखिल कराने के निर्देश संबंधितों को जारी किए हैं।

दरअसल, सूर्योदय स्कूल और विनायक शिक्षा समिति ने वर्ष 2018 में याचिका दायर कर कहा था कि किसी भी स्कूल को सिर्फ दो साल की मान्यता दी जाती है। चूँकि जबलपुर की पूर्व महिला डीईओ कामायनी कश्यप ने अशासकीय परसराम कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल को 5 साल की मान्यता दी है, इसलिए उन्हें भी पाँच साल के लिए मान्यता दी जाए। 8 सितंबर को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने लोक शिक्षण आयुक्त को कहा था कि वे जवाब पेश करें।

अन्यथा उन्हें कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण पेश करना पड़ेगा। अब कोर्ट के कड़े रुख के बाद अधिकारियों के हाथ पैर फूले हैं और उनके द्वारा जवाब पेश करने की कार्रवाई की जा रही है।



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