Cracks broke out in 40 houses in Mau, outrage among victims said – no place to live, where to go | मौ में 40 मकानों में दरारें आईं, पीड़ितों में आक्रोश बोले- रहने के लिए दूसरी जगह नहीं, कहां जाएं

Cracks broke out in 40 houses in Mau, outrage among victims said – no place to live, where to go | मौ में 40 मकानों में दरारें आईं, पीड़ितों में आक्रोश बोले- रहने के लिए दूसरी जगह नहीं, कहां जाएं


मौएक दिन पहले

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माै नगर के रामलीला भवन के पास भूस्खालन से जर्जर हुआ मकान

  • तीसरे दिन भी पीडि़तों की व्यथा सुनने नहीं पहुंचे अधिकारी, भय के बीच घरों में रहना मजबूरी
  • क्षतिग्रस्त मकानों में रहने को मजबूर लोग, कभी भी हो सकता है हादसा

मौ नगर के लोहारपुरा मोहल्ले में रामलीला भवन के पास रहने वाले लोग पिछले तीन दिनों से दहशत में जी रहे हैं। इस दहशत का कारण भूस्खलन के चलते मकान की छतों से लेकर दीवार और फर्श पर उभर रही दरारें हैं। दरारों के कारण कब कहां हादसा हो जाए कोई नहीं जानता, लेकिन सबकुछ जानने के बाद भी लोग दरारों से भरे मकान में जीने को विवश हैं। गुरुवार को आक्रोशित लोगों ने प्रशासन का विरोध करते हुए कहा कि हमारे पास रहने के लिए अन्य कोई मकान नहीं है। ऐसे में आखिर जाएं तो जाएं कहां। पिछले तीन दिन में जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी हमारी समस्या को देखने तक नहीं आया है, अगर शुक्रवार को हमारे रहने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है तो हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।

गौरतलब है कि पिछले तीन दिन से रामलीला भवन के पास बने 40 मकानों में भूस्खलन के चलते दरारें आने का क्रम चल रहा हैं। जिसमें तीन मकान तो पूरी तरह से धराशायी होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में पीडित परिवारों ने अपने जर्जर मकानों से सामान निकालकर अपने पड़ोसियों के यहां रख दिया है, लेकिन रुकने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नहीं होने से वे आक्रोशित हैं।

तीन दिन बाद भी कोई देखने तक नहीं आया
गुरुवार को आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए कि भूगर्भीय हलचल के कारण हमारे मकानों में दरारें आने से वह जर्जर हो गए हैं। इस बात से हम लोग कलेक्टर से लेकर एसडीएम को अवगत करा चुके हैं। उसके बाद भी तीन दिन में कोई भी जिला प्रशासन का अधिकारी हमारी परेशानी देखने तक नहीं आया है। पीडित पवन सिंह, आकाश सिंह ने बताया कि प्रशासन के इस रवैये के चलते हम लोग आक्रोशित हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के पास हमारे जर्जर मकान और हमारी परेशानी देखने के लिए समय नहीं है। जबकि नेताओं की सभाओं में व्यवस्था देखने के लिए समय है, अगर शुक्रवार तक हमारे साथ हमारे पालतू मवेशियों के रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है तो हम सभी लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।

सीएमओ ने कहा- मवेशी लेकर खेतों में रहो
पीडित बेताल सिंह, अजीत सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि गुरुवार सुबह नगर परिषद सीएमओ रामेश्वर यादव भूगर्भीय हलचल से जर्जर हुए हमारे मकान देखने के लिए आए तो उन्होंने हम लोगों से खेतों में मवेशी लेकर रहने के लिए कहा। परिषद की ओर से हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।स्थानीय निवासी पवन सिंह, अजीत सिंह, आकाश सिंह बताते हैं कि हमारे मकानों में दरारें आने का कारण हम भूस्खलन को मान रहे हैं। लेकिन सही कारण अभी तक पता नहीं चला है। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर भी कारण जानने का अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। हम लोग तो पूरी तरह से बेघर हो चुके हैं। ऐसे में हम अपने बच्चों और मवेशियों को लेकर कब-तक अपने जान-पहचान वालों के यहां रहें। इसलिए अब आंदोलन कर अपनी बात प्रशासन के समक्ष रखेंगे।

भूगर्भीय हलचल से इनके जर्जर हुए मकान
भूगर्भीय हलचल से किशोरी शाक्य, हुसना बेगम,बेताल सिंह, अजीत सिंह, पवन सिंह, आकाश सिंह,सुरेश सिंह, कन्हैया लाल यादव, रशीद खान, वारिश खान, शांति शाक्य, हबीब खान, समीरा बानो,परवेज आलम सहित कुल 40 लोगों के मकान दरार आने से जर्जर हो चुके हैं। वहीं कुछ लोगाें के मकान तो बीच से फट गए हैं। ऐसे में लोगों को घर के अंदर रुकने में डर लग रहा है। लोगों का कहना है मकान इतने अस्थिर हो चुके हैं, मामूली कंपन में ढह सकते हैं, इसके बाद भी जर्जर हाे चुके इन मकानों में रहने को लोग रहने को मजबूर हैं। हालांकि कुछ परिवार अपने रिश्तेदारों के घरों पर रहने के लिए पहुंच गए हैं, लेकिन कब तक रिश्तेदारों के घर रुक सकेंगे यही चिंता उन्हें सता रही है। पीड़ितों ने जल्द से जल्द प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि इस परेशानी से निजात मिल सके।



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