CRS, late in coming from Ujjain, saw the work of yard remodeling on paper | उज्जैन से आने में लेट हुए सीआरएस, यार्ड रिमॉडलिंग का काम कागजों में देख गए

CRS, late in coming from Ujjain, saw the work of yard remodeling on paper | उज्जैन से आने में लेट हुए सीआरएस, यार्ड रिमॉडलिंग का काम कागजों में देख गए


रतलाम3 घंटे पहले

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मुंबई-दिल्ली मार्ग को प्लेटफॉर्म सात से जोड़ने के लिए किए जा रहे यार्ड रिमॉडलिंग के काम को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) आरके शर्मा कागजों पर ही देख और समझकर चले गए। प्रोग्राम उनके डाउन यार्ड में मौके पर जाकर निरीक्षण करने का था, लेकिन उज्जैन से ही लगभग ढाई घंटे की देरी से शाम 4.45 बजे की बजाए 7.30 बजे आए। अंधेरा हो चुका था, इसलिए सीआरएस ने प्लेटफॉर्म स्थित वीआईपी रूप में ही प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज देखे। अधिकारियों से अपडेट जानकारी ली। इसके बाद 9.30 जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट से लौट गए। बताया जा रहा है कि रिमॉडलिंग का काम पूरा होने के बाद सीआरएम निरीक्षण करने फिर आएंगे। सुबह गोल्डन टैंपल मेल से आए सीआरएस की स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म दो से सुबह 9 बजे उज्जैन के लिए रवाना हुई। उन्होंने गंभीरी ब्रिज के डबलिंग कार्य की जांच की। बताया जा रहा है कि इसमें सब कुछ सही निकला है। एक या दो सप्ताह में सीआरएस ट्रेन चलाने की परमिशन दे सकते हैं। डीआरएम विनीत गुप्ता, सीनियर डीओएम विपुल सिंघल, सीनियर डीसीएम सुनील मीणा आदि अधिकारी साथ रहे।

क्या है यार्ड रिमॉडलिंग प्रोजेक्ट
सवा दो साल से काम चल रहा है। रिमॉडलिंग के बाद मुंबई-दिल्ली मार्ग प्लेटफॉर्म सात से जुड़ जाएगा। गाड़ियों को सीधे प्लेटफॉर्म सात पर लेकर नीमच रवाना किया जा सकेगा। अभी प्लेटफॉर्म सात की दिल्ली-मुंबई रूट से कनेक्टिविटी नहीं है। मुंबई से रतलाम होकर नीमच तरफ जाने वाले ट्रेनों को प्लेटफाॅर्म 5-6 पर लेना पड़ता था। इससे दिल्ली-मुंबई मार्ग पर चलने वाली यात्री और मालगाडिय़ों को आउटर पर रोकना पड़ता है। लिंक होने के बाद प्लेटफॉर्म पांच व छह पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा।



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