भोपाल7 मिनट पहले
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भोपाल मंडल में शुक्रवार से अवंती बाई और अहिल्या बाई वाहिनी ने महिला यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है।
- इसे अवंती बाई एवं अहिल्या बाई वाहिनी नाम दिया गया
- जीआरपी एप और हेल्प लाइन नंबर 182 की जानकारी देंगी
भोपाल मंडल से गुजरने वाली ट्रेन में यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और मदद के लिए दो विशेष सुरक्षा दल चौबीस घंटे मौजूद रहेंगे। इसके लिए दो आरपीएफ वाहिनी ट्रेन में यात्रा के दौरान महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। इन्हें अवंती बाई एवं अहिल्या बाई वाहिनी नाम दिया गया है। यह बीना, भोपाल, इटारसी और खंडवा के बीच चलेंगी। इसमें एक सब इंस्पेक्टर, दो महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल हर वाहिनी में रहेंगे। यह व्यवस्था शुक्रवार से शुरू हो गई।

स्टेशन पर विशेष वाहनी महिला यात्रियों को सुरक्षा संबंधी जानकारी देती हुईं।
भोपाल मंडल के रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने बताया कि रेल सुरक्षा बल की दो महिला वाहिनी “अवंती बाई एवं अहिल्या बाई ” का गठन किया गया है। यह स्टेशन पर और चलती गाड़ियों में महिला यात्रियों से मिलकर उन्हें यात्रा के दौरान किसी भी संभावित संकट के प्रति सतर्क रहने के लिए जागरुक करेंगी। किस तरह खुद को सुरक्षित रखते हुए मदद के लिए 182 नंबर पर फोन कर सकते हैं इसके बारे में भी बताएंगी।
जीआरपी भोपाल का एप भी मददगार
जीआरपी भोपाल ने ट्रेनों में सफर के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक ऐप तैयार किया है। इससे जीआरपी एमपी हेल्प ऐप (GRP MP help) नाम दिया है। इस ऐप से यात्री स्टेशन से लेकर चलती ट्रेन तक में मदद ले सकता है। यह गूगल प्ले स्टोर पर है। इसे मोबाइल फोन पर डाउनलोड करें। ऐप पर सिर्फ अपना मोबाइल नंबर इसमें अपलोड करना होगा। मोबाइल नंबर अपलोड करते ही फोन जीआरपी कंट्रोल रूम से जुड़ जाएगा। अपराध से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या होने पर ऐप के माध्यम से शिकायत दे सकते हैं। इसमें कुछ जानकारियां देनी होती हैं। उसके बाद उसे सबमिट कर दे। कंट्रोल पर आई फोन की लोकेशन के अनुसार यात्री को तत्काल मदद पहुंचा दी जाएगी।

जीआरपी एमपी हेल्प ऐप (GRP MP help) नाम दिया है। इस ऐप से यात्री स्टेशन से लेकर चलती ट्रेन तक में जीआरपी को बुला सकता है।
इमरजेंसी के लिए एसओएस बटन भी
ऐप में सभी तरह की शिकायतों के लिए अलग-अलग विकल्प दिए गए हैं। उस पर क्लिक करते ही आप अपनी शिकायत भेज सकते हैं। इमरजेंसी होने पर एसओएस के बटन का उपयोग करके भी मदद बुलाई जा सकती है। ऐप में सभी संबंधित अधिकारियों के नंबर भी दिए गए हैं, ताकि यात्री सीधे संबंधित अधिकारी को फोन कर मदद ले सकते हैं।