People were giving instructions to follow social distancing from the stage, people did not follow | मंच से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का दे रहे थे निर्देश, लोगों ने नहीं किया अमल

People were giving instructions to follow social distancing from the stage, people did not follow | मंच से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का दे रहे थे निर्देश, लोगों ने नहीं किया अमल


खरगोन20 घंटे पहले

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  • जनपद में शेष रहे दिव्यांगजन के लिए यूडीआई कार्ड व मेडिकल प्रमाण पत्र वितरण का विकासखंड स्तरीय हुआ कार्यक्रम

जनपद कार्यालय परिसर में गुरुवार को विकासखंड स्तरीय शेष रहे दिव्यांगजन के लिए यूडीआई व मेडिकल प्रमाण पत्र शिविर का सामाजिक न्याय व नि:शक्तजन कल्याण विभाग खरगोन ने लगाया। शिविर में माइक से मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए बार-बार गुहार लगाई जा रही थी लेकिन शिविर में आए लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे। दिव्यांगजन व परिजनों की बढ़ती संख्या से जनपद का प्रबंधन बिगड़ा नजर आ रहा था। पंजीयन के लिए 10 काउंटर की व्यवस्था की गई थी लेकिन सभी में पंजीयनकर्ताओं की भीड़ थी। पूरे परिसर में दिव्यांगजन परिजनों के साथ कुछ नीचे तो कुछ कुर्सियों पर बैठे नजर आए। कार्यालय के अंदर चिकित्सीय परीक्षण के लिए भी लगने वाली लाइन में सोशल डिस्टेंससिंग नहीं दिखी दी। नवागत जनपद सीईओ राजेश बाहेती आयोजन के दौरान घूमकर व्यवस्थाओं पर नजर रख रहे थे। जहां भी भीड़भाड़ या दिव्यांगजनों को किसी तरह की परेशानी आती वे तुरंत जनपद कर्मचारियों या उपस्थित सचिवों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दे रहे थे। सीईओ की सक्रियता के कारण ही कुछ जगह पर व्यवस्थाओं के बिगड़ने से पहले उन्हें सुधार लिया। भीड़ के चलते जनपद के बाहर तक दोपहिया वाहनों की कतार लग गई थी। ऐसे दिव्यांगजन जिनके पास मास्क नहीं थे। उन्हें नि:शुल्क मास्क बांटे गए। महिला स्वसहायता समूह ने मास्क विक्रय का स्टाॅल भी लगाया था। दोपहर में दिव्यांगजनवं उनके साथ आए परिजनों को भोजन पैकेट वितरित किए गए। देरी आए डॉक्टर, 609 के जांच के बाद बनाए प्रमाण पत्र जनपद परिसर में सुबह 11 बजे से शिविर में पंजीयन कार्य शुरू हो गया था लेकिन डॉक्टर देरी से आए। इसके कारण 12 बजे परीक्षण शुरू हुआ। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया विभिन्न दिव्यांगता की श्रेणी में आने वाले दिव्यांगजनों का परीक्षण के आधार पर दिव्यांगता प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा। कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता होना अनिवार्य है। जिन मरीजों में सुधार हो सकता है। उन्हें उचित इलाज की सलाह दी जा रही है ताकि इलाज के बाद उनकी दिव्यांगता में सुधार आ सके। इस दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नबील अहमद, मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधांशु अवस्थी इंदौर, आडियोलजिस्ट रोग विवेक पाटिल खरगोन, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. दिलीप अवास्या व डॉ. अमरसिंह चौहान ने स्वास्थ्य परीक्षण किया। शिविर 609 का पंजीयन कर जांच कर प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया की गई। दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड से मिलेगा लाभ सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी उपसंचालक खरगोन धर्मेंद्र गांगले ने बताया दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने यूनिवर्सल डिसएबिलिटी आईडी कार्ड बनाकर दिया जा रहा है। शिविर में परीक्षण के बाद उनका नाम ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर कार्ड बनाने की प्रक्रिया होगी। कुछ दिनों बाद यह कार्ड उनके घर पहुंचाया जाएगा। इस कार्ड का उपयोग दिव्यांग प्रमाण पत्र के विकल्प के रूप में भी किया जा सकेगा। 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति को शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा। परिवहन विभाग ने भी आदेश जारी किया है कि जो यूडीआईडी कार्य के माध्यम से बसों में सफर के दौरान 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।



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