भिंडएक दिन पहले
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महारानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल में छात्राओं को हाथ धुलाई का महत्व बताते हुए डीईओ।
- स्कूलों में बच्चों को हाथ धोने का समझाया तरीका, सफाई के फायदे भी बताए
विश्व हाथ धुलाई दिवस पर डीईओ हरभवन सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में हाथों की धुलाई का महत्व और अधिक बढ़ गया है। क्योंकि अब तक कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं आ पाई है। वैसे हमारी भारतीय संस्कृति में साफ- सफाई को हमेशा से महत्व दिया गया है। लोग इसे अपनाए रखें इसलिए धर्म से जोड़ दिया गया है। कोरोना संक्रमण काल में हाथों की धुलाई सुरक्षा कवच बनी हुई है। वे आज शहर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल में छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
डीईओ ने छात्राओं को आह्वान किया कि वे हाथ धुलाई का महत्व समझें और इसे परिवारजन को समझाएं। जिससे बीमारी से हर कोई दूर रहे। क्योंकि कोरोना को लेकर इसका महत्व बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो हर किसी को बेहतर खान- पाना यानी आवश्यक पोषक तत्व युक्त भोजन करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए। लेकिन अगर हम हाथ धोकर साफ- स्वच्छ वातावरण में भोजन करते हैं तो अपने आपको तो सुरक्षित रखते ही हैं। इसी प्रकार संदेश दूसरों को देकर उन्हें भी सुरक्षित कर सकते हैं। स्कूल की प्राचार्य स्नेहलता भदौरिया ने छात्राओं को साफ- सफाई के प्रति जागरूक किए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों और स्कूल की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया।
हाथ धुलाई के हाेते हैं छह स्तर
शिक्षक आईएस बुंदेला ने बताया हाथ धुलाई के भी छह स्तर होते हैं। इसके तहत हाथ के तमाम भाग साबुन से बेहतर ढंग से धुल जाते हैं। इसके बाद भोजन करना हो या छोटे बच्चों को प्यार दुलार करना हो, सब कुछ सुरक्षित रहता है। इस मौके पर बीईओ उमेश सिंह भदौरिया, यूएस तिवारी, अनूप गुप्ता, हरीश चौधरी, ओमप्रकाश चौधरी, नरेश चंदेल, मोहम्मद अकरम, स्वेता दीक्षित, रेखा दीक्षित, अंशू मिश्रा, अंजना मिश्रा, विनीता, विमलेश बाजपेयी, जविता पचौरी, माधुरी चतुर्वेदी उपस्थित रही।
बच्चे को गोद लेने से पहले हाथ जरूर धोएं
विश्व हाथ धुलाई दिवस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने बताया हाथ धोकर बच्चों को गोद लेने के कारण 40 प्रतिशत तक निमोनिया और डायरिया जैसे मर्ज से नवजात शिशुओं को बचाया जा सकता है। क्योंकि नवजात शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में आम व्यक्ति की अपेक्षा नवजात शिशु में हर प्रकार के संक्रमण का भी खतरा ज्यादा होता है। इसलिए बच्चे को गोद में लेने से पहले हमें बेहतर तरीके से अपने हाथ धो लेना चाहिए।
स्काउट- गाइड ने कहा- हाथ धोने के प्रति जागरुक करने की जिम्मेदारी सबकी
हाथ धुलाई के प्रति जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी किसी सरकारी महकमा की नहीं, बल्कि प्रत्येक जागरुक नागरिक की है। दिन में कम से कम चार बार हर किसी को हाथ धोना चाहिए। कोरोना संक्रमण काल में तो हाथ धोने की व्यवस्था नहीं होने पर सेनेटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। यह बात स्काउट गाइड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्काउट डीओसी अतिबल सिंह कही। उन्होंने कहा कि हाथ धो लेंगे साबुन से तो रोग मिटेंगे जीवन से, स्काउट गाइड हाथ धोने के संदेश दे रहे हैं। इस मौके पर बीआरसी पंकज कुमार जयंत, जिला प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट सतीश कुमार शर्मा उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में सहयोगी के रुप में राज राजावत, रोहित इंदौरिया, मीतू गोयल, तृप्ति राजावत, कामिनी भाटिया, उपासना गोयल, अंश पंकज उपस्थित रहे।