सबसे ज्यादा मेहगांव सीट पर 43 इम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है. (सांकेतिक फोटो)
राजनीतिक दलों के अलावा क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों (Independent candidates) ने उप चुनाव में नामांकन बड़ी संख्या में दाखिल किया है. 28 सीटों के उपचुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन तक 458 नामांकन मिले हैं.
मध्य प्रदेश में दाखिल हुए नामांकनो की संख्या इस प्रकार है
जोरा से 17, सुमावली से 11, मुरैना से 17, दिमनी से 14 , अंबाह से 17, मेह गाव से 43, गोहद से 19 ग्वालियर से 12, ग्वालियर पूर्व से 21 , डबरा से 27 , भांडेर से 17, करेरा से 15 , पोहरी से 17, बमोरी से 14 , अशोकनगर से 14 , मुंगावली से 16, सुरखी से 30, अनूपपुर 12, सांची से 22, आगर से 11, हाटपिपलिया से 14, बदनावर से 7, सांवेर से 14, सुवासरा से 13, मल्हारा से 27, नेपानगर से 8, मांधाता से 11 और ब्यावरा विधानसभा सीट से 8 लोगों ने नामांकन दाखिल किया है.
2018 के उपचुनाव की तुलना में 5 गुना तक महंगा साबित होगाबता दें कि कल खबर सामने आई थी कि COVID-19 संकटकाल के कारण हर एक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव 2018 के उपचुनाव की तुलना में 5 गुना तक महंगा साबित होगा. 28 सीटों के उपचुनाव को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य सरकार से 40 करोड़ रुपए की मांग की है. यह राशि सरकार द्वारा चुनाव के लिए बजट में 40 करोड़ की राशि का प्रावधान करने के अतिरिक्त है. दरअसल, उपचुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने सरकार से जो अतिरिक्त राशि की मांग की है, उससे कोरोना के बचाव और जरूरी मटेरियल की खरीद की जानी है. जानकारी के मुताबिक इस बार के उपचुनाव पर हर एक विधानसभा सीट पर करीब पौने 3 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.