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- More Than 5 Billion 25 Crore Rupees Owed To 41294 People In The District, Banks Have Now Submitted Cases To The Administration For Recovery
उज्जैन18 घंटे पहले
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- कृषि, व्यापार, मकान, वाहन, शिक्षा के लिए लिया था कर्ज, तहसील न्यायालयों से नोटिस जारी, कुर्की की भी तैयारी
जिले के 41294 लोगों पर बैंकों का 5 अरब 25 करोड़ से अधिक रुपया बकाया है। जिसे वसूलने के लिए बैंकों ने आरआरसी प्रकरण राजस्व विभाग को सौंप दिए हैं। ऐसे में कोरोना काल में संबंधितों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। वसूली के लिए इन्हें तहसील न्यायालयों से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। भुगतान नहीं करने पर कुर्की की तैयारी भी है। ये सभी प्रकरण एक जनवरी 1990 से 21 दिसंबर 2019 तक हैं। यानी ये सभी पुराने व कोरोना काल के पहले के बड़े बकायादार व डिफाल्टर हैं।
जिन्होंने कृषि, कृषि, व्यापार, मकान, वाहन, शिक्षा आदि कार्यों के लिए सरकारी व निजी बैंकों से ऋण लिए थे। कोरोना काल के बाद ऋण लेने वालों से वसूली अभी नहीं की जा रही है, लेकिन पुराने बकायादारों से वसूली के लिए अब सख्ती होती दिखाई दे रही है। डायरेक्टोरेट ऑफ इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस मप्र पोर्टल के आंकड़ों से स्पष्ट हैं कि इन 29 साल में जिले के 45325 लोगों पर 5 अरब 83 करोड़ 95 लाख 84 हजार 807 रुपए ऋण के बकाया था। जिनमें से मात्र 4031 लोगों ने 58 करोड़ 35 लाख 8 हजार 670 रुपए चुकाए। ऐसे में अभी भी 41294 लोगों पर 5 अरब 25 करोड़ 60 लाख 76 हजार 137 रुपए बकाया है।
प्राप्त प्रकरणों में कार्रवाई शुरू की
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया बैंकों से वसूली के लिए प्राप्त प्रकरणों में कार्रवाई शुरू कर दी है। नोटिस जारी करवाकर कार्रवाई की जा रही है।
उदाहरण : जिनमें ऋण नहीं चुकाया
- टैगोर मार्ग अवंतिपुरा की युवती ने उच्च शिक्षा के लिए बैंक ऑफ इंडिया की अरविंद नगर शाखा से ऋण लिया लेकिन समय रहते अदा नहीं किया। बैंक ने बकाया राशि 4 लाख 43 हजार रुपए वसूली के लिए राजस्व विभाग को सौंपा प्रकरण।
- आराधना भवन देसाई नगर की महिला ने भारतीय स्टेट बैंक से मकान के लिए ऋण लिया। अदा नहीं किया। बैंक से 16 लाख 57 हजार 548 रुपए वसूली के लिए आरआरसी जारी करते हुए प्रकरण राजस्व विभाग को सौंपा गया।
- फाजलपुरा के एक युवक ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक ऑफ इंडिया की मक्सी रोड शाखा से ऋण लिया लेकिन अदा नहीं कर पाया। उस पर 9 लाख 36 हजार रुपए बकाया है।
ऋण नहीं चुकाने से डिफाल्टर हो गए
बैंकों ने अपने स्तर से इन बकायादारों से राशि की वसूली के हरसंभव प्रयास किए लेकिन लोगों ने कर्ज चुकाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली। जब बात नहीं बनी तो उन्होंने वसूली
के लिए प्रकरण राजस्व विभाग काे सौंप दिए हैं। ऐसे में संबंधितों से वसूली के लिए विभिन्न तहसील न्यायालयों से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यही नहीं इन बैंकों के अलावा नागरिक सहकारिता की 70 और देवासगेट पेढ़ी से 36 बकायादारों से वसूली के लिए भी आरआरसी जारी की गई हैं। इन सभी पर भी करीब तीन करोड़ रुपए बकाया है। स्वरोजगार योजना, शिक्षा, व्यापार व मकान बनाने के लिए ऋण लिए लेकिन अदा नहीं कर पा रहे हैं। वे डिफाल्टर हो गए हैं।