Seth Govinddas’s personality and gratitude are both valuable | सेठ गोविंददास का व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों बहुमूल्य

Seth Govinddas’s personality and gratitude are both valuable | सेठ गोविंददास का व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों बहुमूल्य


जबलपुर43 मिनट पहले

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स्वतंत्रता के आंदोलन के दौरान अपनी लेखनी और विचारों से लोगों में जनजागृति फैलाने वाले सेठ गोविंददास का व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों बहुमूल्य थे। आजादी के बाद वे ही एकमात्र सांसद थे, जिन्होंने देवनागरी लिपि और हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में स्थापित करने के लिए संसद में गंभीरता से पक्ष रखा था, जिसकी वजह से देवनागरी लिपि हमारी पहचान बनी।

पद्मभूषण सेठ गोविंददास की 125वीं जयंती के मौके पर ये बातें वक्ताओं ने कहीं। कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्मारक समिति के अध्यक्ष नित्यरंजन खम्परिया, सत्येन्द्र यादव, दिनेश यादव, बाबू विश्वमोहन, सतीश तिवारी, रेखा जैन, संजय श्रीवास्तव, कैलाश तिवारी, मदन लारिया व अन्य मौजूद रहे।



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