Supreme Court stay in case of Khasgi Trust, investigation of EOW and High Power Committee; Prohibition on taking possession of properties; Final hearing on 2 December | खासगी ट्रस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे; ईओडब्ल्यू व हाई पावर कमेटी की जांच, संपत्तियों का कब्जा लेने पर भी रोक

Supreme Court stay in case of Khasgi Trust, investigation of EOW and High Power Committee; Prohibition on taking possession of properties; Final hearing on 2 December | खासगी ट्रस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे; ईओडब्ल्यू व हाई पावर कमेटी की जांच, संपत्तियों का कब्जा लेने पर भी रोक


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इंदौर14 घंटे पहले

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सतीश मल्होत्रा, मुख्य ट्रस्टी खासगी ट्रस्ट

  • हाई कोर्ट ने खासगी ट्रस्ट के खिलाफ जितने निर्देश दिए हैं, उन पर रोक लगाते हैं, 2 दिसंबर को तय करेंगे संपत्ति का मालिक कौन है
  • सिब्बल: सरकार की मंजूरी से बिकी खासगी की संपत्ति
  • मेहता: देखभाल के लिए ही सौंपी थी

खासगी ट्रस्ट और इसके ट्रस्टी सतीश मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की संपत्तियों पर कब्जा लेने, ट्रस्ट व ट्रस्टी की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाए जाने के हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय मनोहर खानविलकर, जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने लगभग सवा घंटे वीडयो कॉन्फ्रेंसिंग से चली सुनवाई के बाद कहा कि 2 दिसंबर को अंतिम रूप से इस मामले को सुना जाएगा। तब तय करेंगे कि खासगी ट्रस्ट की संपत्तियाें का मालिक कौन है? सुनवाई में ट्रस्ट की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, अभिनव मल्होत्रा ने और सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट तुषार मेहता, ऋषि तिवारी ने तर्क रखे।

ईओडब्ल्यू व हाई पावर कमेटी की जांच, संपत्तियों का कब्जा लेने पर भी रोक
1. जितनी संपत्ति पर कब्जे लिए हैं, वहां यथास्थिति रखी जाए। प्रशासन ने मंदिर, धर्मशाला, घाट पर नोटिस लगाए हैं, कब्जा नहीं ले सकेंगे। किसी को बेदखल नहीं कर सकेंगे।
2. ईओडब्ल्यू के अलावा 39 अफसरों की एक हाई पावर जांच टीम बनाई थी। फिलहाल इस मामले में कोई जांच नहीं की जा सकेगी।
3. संपत्तियों पर कब्जा लेने, उन्हें खोलने, मूल स्वरूप में लाने के लिए बनाई मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, संभागायुक्त आिद की कमेटी अब कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
– वकील मल्होत्रा के अनुसार

संपत्ति ट्रस्ट की, हम पर जबरन थोपी जांच सिब्बल- माई लार्ड संपत्ति हमारी नहीं ट्रस्ट की है, यह बात कोई सुनने को तैयार नहीं। जबरन ईओडब्ल्यू, हाई पावर कमेटी, 39 अफसरों की टीम थोप दी गई। मेहता- हाई कोर्ट के आदेश में कोई कमी नहीं है। संपत्ति की बिक्री, रजिस्ट्री सब साबित होने के बाद ही जांच के आदेश दिए गए। ट्रस्ट की जिम्मेदारी देखभाल की थी, लेकिन संपत्ति बेचना शुरू कर दी। सिब्बल- छह दशक में छह संपत्ति बिकी है, पूरा पैसा ट्रस्ट के खाते में है। संपत्ति बेचने की अनुमति सरकार ने दी। ट्रस्टी के तौर पर सरकारी अफसरों के दस्तखत भी हैं। हमारी इन बातों पर गौर ही नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट- अभी हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे हैं। ईओडब्ल्यू की जांच पर भी स्थगन दे रहे हैं। मेहता- ईओडब्ल्यू के बजाय किसी अन्य एजेंसी को जांच सौंप दीजिए।

150 से ज्यादा संपत्तियों पर प्रशासन ले चुका कब्जा
हाई कोर्ट आदेश के दूसरे दिन से सरकार व प्रशासन खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों को कब्जे लेने में जुट गया था। इंदौर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, मंदसौर से लेकर इलाहाबाद, नागोर, नासिक तक संपत्तियों पर कब्जे की सूचना लगा दी। ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट के दफ्तर पर दबिश दी। संभागायुक्त कार्यालय में अस्थायी दफ्तर खोला व बेची गई संपत्तियों की जांच शुरू कर दी थी।



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