Teachers suffering from stress and depression; 2,336 teachers of Bhopal division registered in first phase of mental health training program | तनाव व अवसाद के शिकार हो रहे शिक्षक; मेंटल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में भोपाल संभाग के 2,336 शिक्षकों ने कराया रजिस्ट्रेशन

Teachers suffering from stress and depression; 2,336 teachers of Bhopal division registered in first phase of mental health training program | तनाव व अवसाद के शिकार हो रहे शिक्षक; मेंटल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में भोपाल संभाग के 2,336 शिक्षकों ने कराया रजिस्ट्रेशन


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भोपाल7 घंटे पहले

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ऑनलाइन क्लासेस के दौरान आत्मविश्वास महसूस नहीं कर पा रहे हैं शिक्षक।

  • मेंटल हेल्थ कार्यक्रम में भोपाल के 835 टीचर ने कराया है रजिस्ट्रेशन, ताकि तनाव से मिले मुक्ति

कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षक और छात्र दोनों ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से संपर्क में हैं। डिवाइस के जरिए क्लास को पढ़ाना सुनने में जितना आसान लगता है, दरअसल यह उतना आसान है नहीं। टैक्नोफ्रेंडली न होने की वजह से ऑनलाइन क्लास में टीचर्स कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

स्थिति यह है कि कई शिक्षक तनाव और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इसके चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने नोडल एजेंसी उमंग हेल्पलाइन के माध्यम से मेंटल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें पहले चरण में भोपाल संभाग के 2,336 टीचर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। भोपाल में 835 टीचर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। भोपाल में 1300 सरकारी स्कूल हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या 1200 के आसपास है।

इन परेशानियों का सामना कर रहे शिक्षक

  • डिजिटल सिस्टम के आदी नहीं होने के कारण रोज ऑन लाइन क्लास के लिए खुद को मानसिक रुप से तैयार करना पड़ता हैं।
  • ऑनलाइन क्लासेस के दौरान आत्मविश्वास महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
  • बच्चे भी स्क्रीन पर होने का कारण न तो उनकी बात मान रहे हैं और न ही शिष्टाचार अपना रहे हैं।
  • कुछ बहाने बनाकर क्लासेस से बचने की कोशिश करते हैं।
  • ऑनलाइन क्लास में अजीब और नेगेटिव माहौल बन जाता है जिससे वे तनाव में आ जाते हैं
  • ऑनलाइन क्लास में बच्चे कम पैरेंट भी आकर बच्चों के साथ बैठ जाते हैं जिससे उन्हें परेशानी होती है।
  • कई बार बच्चा तो सवाल नहीं पूछता, पेरेंटस ही सवाल करने लगते है, जिससे क्लास के दूसरे बच्चे डिस्टर्ब होते हैं।

मेंटल हेल्थ को स्ट्रांग रखने के उपाय

  • यदि वे लाइव क्लासेस में परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो टू वे कम्युनिकेशन बंद कर वीडियो क्लासेस जारी कर सकते हैं।
  • जो चेप्टर पढ़ाना है उसका वीडियो बनाकर अपलोड कर दें। इससे पेरेंट्स पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और बच्चों को भी रिवीजन करने में आसानी होगी। इसके अलावा नेटवर्क परेशानी से जूझ रहे बच्चों को भी फायदा होगा।
  • टू वे कम्यूनिकेशन में बच्चों को अलर्ट करते रहे। पेरेंट्स के अनावाश्यक कमेंट को इग्नोर करें।
  • ऑनलाइन क्लास में छात्रों की रुचि बनाए रखने के लिए क्लास का समय कम कर दें। 1 घंटे की जगह 30 मिनिट की क्लास लें।
  • बच्चों के साथ पेरेंट्स से बातचीत करने का यदि मौका मिलता है तो उन्हें बच्चों की खासियत के बारे में बताएं।

24 हजार रजिस्ट्रेशन
डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएम राइज डिजिटल और दीक्षा पोर्टल के माध्यम से टीचर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उमंग हेल्प लाइन ई लर्निंग मॉड्यूल वीडियो कोर्स के माध्यम से टीचर्स को प्रशिक्षित कर रही हैं। कार्यशाला में पूरे प्रदेश से पहले चरण में 23,860 टीचर्स रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। प्रदेश में 3 लाख 21 हजार टीचर्स हैं।

टीचर्स को स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचाने के लिए उमंग हेल्पलाइन टैक्नोफ्रेंडली बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। उनकी काउंसलिंग भी हो रही है, ताकि वे सहज रहकर बच्चों को पढ़ा सके।
-माया बोहरा, डायरेक्टर, उमंग हेल्पलाइन



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