जबलपुर21 घंटे पहले
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- महाधिवक्ता ने कहा – फोरलेन सड़क के लिए नहीं काटे जाएँगे पेड़
मप्र हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि डुमना पहुँचने के लिए कौन-कौन से संभावित वैकल्पिक मार्ग हो सकते हैं। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि रादुविवि से डुमना तक फोरलेन सड़क के लिए पेड़ नहीं काटे जाएँ।
इस संबंध में ठेकेदार को निर्देश जारी किए जाएँगे। जिन पेड़ों को काट दिया गया है, उन्हें जड़ से नहीं उखाड़ा जाए। मामले की अगली 25 नवंबर को नियत की गई है। यह जनहित याचिका गंगा नगर कॉलोनी गढ़ा निवासी निकिता खम्परिया ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि रादुविवि से लेकर डुमना तक बन रही फोरलेन सड़क के लिए अभी तक 300 से अधिक हरे-भरे पेड़ काटे जा चुके हैं।
नगर निगम से 300 और पेड़ों को काटने के लिए अनुमति माँगी गई है। इससे डुमना के पर्यावरण को क्षति पहुँचेगी। इसका असर डुमना के जंगल में रहने वाले जीव-जंतुओं पर भी पड़ेगा। अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने तर्क दिया कि मास्टर प्लान में डुमना को सिटी फॉरेस्ट घोषित किया गया है। फॉरेस्ट एरिया में पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार नगर निगम को नहीं है।