I also want the courts to open, but not possible at the moment | मैं भी चाहता हूँ अदालतें खुलें, लेकिन फिलहाल संभव नहीं

I also want the courts to open, but not possible at the moment | मैं भी चाहता हूँ अदालतें खुलें, लेकिन फिलहाल संभव नहीं


जबलपुर22 मिनट पहले

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  • नर्मदा महाआरती में शामिल हुए; मीडिएशन सेन्टरों का किया शुभारंभ, आज कान्हा जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं भी चाहता हूँ अदालतें खुलें, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी लोगों की जान की सुरक्षा है। फिलहाल अदालतों में अभी भौतिक सुनवाई संभव नहीं है। सीजेआई ने यह बात जबलपुर प्रवास के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों और मौसम वैज्ञानिकों से लगातार चर्चा की जा रही है।

सभी राज्यों के चीफ जस्टिस भी परिस्थितियों का आंकलन कर रहे हैं। जैसे ही परिस्थितियाँ अनुकूल होंगी, अदालतों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया जाएगा। शनिवार शाम को सीजेआई नर्मदा महाआरती में भी शामिल हुए। इसके साथ ही उन्होंने 5 स्थानों पर मीडिएशन सेन्टरों का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

इसके पूर्व शनिवार दोपहर 2 बजे सीजेआई नई दिल्ली से विमान के द्वारा डुमना एयरपोर्ट पहुँचे। वे एयरपोर्ट से दोपहर 2:30 बजे मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के बंगले पर पहुँचे। शाम 4:50 बजे सीजेआई का हाईकोर्ट परिसर में स्वागत किया गया। 18 अक्टूबर को सीजेआई बाघों का दीदार करने के लिए मंडला रवाना होंगे। वे दोपहर 12 बजे खटिया गेट से किसली रेस्ट हाउस पहुंचेंगे। बताया गया है कि यहां सीजेआई 20 अक्टूबर दोपहर तक रुकेंगे। कान्हा नेशनल पार्क की सफारी भी करेंगे। -पेज 2 भी देखें



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