भोपाल19 घंटे पहले
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- एसाे. ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स ने मुख्य सचिव काे लिखा पत्र
ज्यादातर मंदिर भी खुल गए। 16 अक्टूबर से कई मल्टीप्लेक्स भी खुल गए। बाजार भी देर रात तक खाेलने के आदेश हाे गए। ऐसे में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खाेलने की इजाजत क्याें नहीं दी जा रही? यह पीड़ा निजी स्कूल संचालकाें की है। इनका तर्क है कि उप्र, पंजाब में भी हाई व हायर सेकंडरी स्कूल खुल चुके हैं, जबकि मप्र में 16 नवंबर तक की समय सीमा तय कर दी गई।
अभी इन स्कूलाे में दाे घंटे के मार्गदर्शन सत्र की अवधि की इजाजत ही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले आदेश जारी कर पहली से आठवीं तक के स्कूल 15 नवंबर तक बंद रखे जाने काे कहा है। आदेश में ऑनलाइन क्लासेस जारी रखे जाने का उल्लेख भी है। इसे लेकर ज्यादातर स्कूल संचालक 9वीं से 12वीं तक के स्कूलाें की नियमित कक्षाएं लगाने के पक्ष में हैं। एसाेसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स ऑफ एमपी ने मुख्य सचिव काे पत्र भी लिखा है। कई संचालक वाॅट्सएप ग्रुप में वीडियाे शेयर करके स्कूल खाेलने के पक्ष में राय तक व्यक्त कर रहे हैं।
बच्चों की पढ़ाई का नुकसान
^स्कूलाें में नियमित कक्षाओं के लिए समय सीमा 15 नवंबर तक बढ़ा दी। रेगुलर कक्षाएं नहीं लगने से बच्चाें का एकेडमिक लाॅस हाे रहा है। ऐसे हालात में राज्य सरकार काे शिक्षा जैसे सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के बारे में गंभीरता से साेचना चाहिए।
अनुपम चाैकसे, अध्यक्ष, एसाेसिएशन अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स
केंद्र ने अनुमति दी, राज्य भी अमल करे
^गृह मंत्रालय ने अनलाॅक 5 में 15 अक्टूबर से देश भर में स्कूल खाेलने की परमिशन दे दी है। राज्य सरकाराें काे इसके नियम तय करने काे कहा गया है। कई राज्याें के स्कूलाें में कक्षाएं लगना भी शुरू हाे गईं। मप्र सरकार काे भी इसकी इजाजत देनी चाहिए।
डाॅ. आशीष चटर्जी, प्रदेशाध्यक्ष, साेसायटी फार प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स
रेगुलर क्लासेस जरूरी
^ ऑनलाइन क्लासेस की अपेक्षा रेगुलर क्लासेस कॅरियर के लिहाज से ज्यादा जरूरी है। 12वीं के बच्चे राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में पिछड़ें नहीं, इसीलिए भी यह जरूरी है।
– डी. अशाेक कुमार, सचिव सहाेदय ग्रुप आफ सीबीएसई स्कूल्स