उन्होंने कहा कि यदि मेरे बयान से किसी की भावना को ठेस पहुंची हो तो मैं पहले ही खेद प्रकट कर चुका हूं.
#WATCH It is Rahul Gandhi’s opinion. I have already clarified the context in which I made that statement… Why should I apologise when I did not intend to insult anyone? If anyone felt insulted, I have already expressed regret: Former MP CM Kamal Nath https://t.co/Io2z9b3Tiu pic.twitter.com/nfB8Eum4nH
— ANI (@ANI) October 20, 2020
इससे पहले, मंगलवार को ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘कमलनाथ जी हमारी पार्टी से हैं, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं ऐसी भाषा को पसंद नहीं करता हूं. मैं इस तरह की भाषा को कभी बढ़ावा नहीं देता, फिर चाहे वह कोई भी क्यों न हो. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’
#WATCH Kamal Nath ji is from my party but personally, I don’t like the type of language that he used…I don’t appreciate it, regardless of who he is. It is unfortunate: Congress leader Rahul Gandhi on the former Madhya Pradesh CM’s “item” remark pic.twitter.com/VT149EjHu0
— ANI (@ANI) October 20, 2020
डबरा में चुनावी सभा में मंच से इमरती देवी को कहा था ‘आइटम’दरअसल रविवार को ग्वालियर के डबरा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री की जुबान फिसल गई थी. उन्होंने यहां से बीजेपी की उम्मीदवार इमरती देवी को तंज भरे लहजे में ‘आइटम’ कहकर संबोधित किया था. कमलनाथ ने मंच से अपने भाषण में कहा था कि ‘सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे-साधे हैं. यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ‘यह क्या आइटम है’.
#WATCH: Our candidate is not like her… what’s her name? (people shout Imarti Devi, who is former State Minister) You know her better and should have warned me earlier… ye kya item hai: Former Madhya Pradesh CM & Congress leader Kamal Nath pic.twitter.com/eW76f2z8gU
— ANI (@ANI) October 18, 2020
इमरती देवी समेत 22 कांग्रेस के MLA इस्तीफा देकर BJP में हुए थे शामिल बता दें कि इसी साल मार्च में इमरती देवी समेत कांग्रेस के 22 विधायक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिससे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और राज्यपाल के सदन में बहुमत परीक्षण करवाने के निर्देशों से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था.
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. जबकि वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.