30 साल में पहली बार इस सीट पर नहीं है कोई क्षत्रीय उम्मीदवार

30 साल में पहली बार इस सीट पर नहीं है कोई क्षत्रीय उम्मीदवार


मुरैना. एमपी के मुरैना जिले की सुमावली सीट (Sumavali Assembly Seat) ऐसी सीट है, जहां 30 साल में पहली बार बिना क्षत्रीय (ठाकुर) उम्मीदवार के चुनाव हो रहा है. इस सीट पर ठाकुर वोटर्स की चुप्पी की गूंज है. बीजेपी से एंदल सिंह कंसाना और कांग्रेस से अजब सिंह कुशवाहा मैदान में हैं. गुर्जर, क्षत्रीय, ब्राह्मण निर्णायक वोटर्स हैं.

सुमावली सीट पर क्षत्रीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने का लंबा सिलसिला रहा है. 1990 से 2008 तक में एक बार जनता दल से, बाकी बीजेपी से गजराज सिंह सिकरवार चुनाव लड़ते रहे. 2013 में सत्यपाल सिकरवार को बीजेपी ने मैदान में उतारा. 2018 में मानवेन्द्र सिंह सिकरवार बसपा से चुनाव लड़े.

सुमावली विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 234962 हैं. इनमें पुरुष मतदाता 129697, महिला मतदाता 105253 और अन्य 12 हैं. जातिगत समीकरण के हिसाब से गुर्जर 33 हजार, कुशवाह 30 हजार, ठाकुर 28 हजार और ब्राह्मण वोटर्स 22 हजार हैं.

चुनावी इतिहास2018 के चुनाव में यहां से एंदल सिंह कंसाना 13313 वोटों से जीते थे. जबकि बीजेपी के अजब सिंह कुशवाह को हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था. 2013 के चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी. सत्यपाल सिंह सिकरवार जीते थे. तब अजब सिंह कुशवाह बसपा से मैदान में थे. कांग्रेस के एंदल सिंह को वोट के मामले में तीसरा स्थान मिला था. उससे पहले 2008 में एंदल सिंह यहां से चुनाव जीते थे.

वर्तमान उपचुनाव में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कंसाना चुनावी जंग में हैं. बीजेपी के अजब सिंह कुशवाह कांग्रेस में शामिल होकर मुकाबले में हैं.

पार्टियों के अपने-अपने दावे

इस सीट पर भीतरघात की स्थिति बन रही है. बीजेपी में इस समय भीतरघात की आशंकाएं ज्यादा हैं. हालांकि प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि उथल-पुथल कांग्रेस के अंदर मची है. बीजेपी में सब कुछ ठीक चल रहा है. सिंधिया खेमे का कार्यकर्ता हो या फिर बीजेपी नेता के कार्यकर्ता सभी एकसाथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी जीत कर आएगी.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता का दावा है कि बीजेपी के उम्मीदवार को लेकर इस सीट पर काफी नाराजगी है. पार्टी से धोखा करने वाले नेता को जनता कभी माफ नहीं करेगी. इसके परिणाम इस सीट पर भी देखने को मिलेगा.

सुमावली सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है. लेकिन जनता तय करेगी कि वह किसके साथ जाएगी. इस बार भले ही प्रत्याशियों में फेरबदल हुआ हो, लेकिन जनता का क्या मन है ये नतीजे बताएंगे.





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