- Hindi News
- Local
- Mp
- Gwalior
- The Rate Of Infection Decreased But 32 Deaths In 19 Days, It Has Doubled From July August, 1089 Infected So Far This Month
ग्वालियर14 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- सितंबर की तुलना में मौतें 50 फीसदी तक कम हुईं
शहर में इस महीने कोरोना संक्रमण की दर तेजी से घटती दिखाई दे रही है। ग्वालियर में कोरोना के पीक माने जा रहे सितंबर के मुकाबले में अब रोजाना कम संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं लेकिन मौतों का आंकड़ा कम होने की बजाय बढ़ रहा है।
पिछले महज 19 दिन में ही अस्पतालाें में भर्ती 32 लाेग काेराेना से जान गंवा चुके हैं। ये संख्या पीक से पहले यानी जुलाई और अगस्त की तुलना में दोगुनी है। इस महीने अभी तक महज 1089 संक्रमित सामने आए। जबकि जुलाई के 31 दिन में 1947 पॉजिटिव मिले थे। इनमें से 16 लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई थी।
इसी तरह अगस्त के पहले 19 दिन में 1740 लोग कोरोना संक्रमित निकले थे। इनमें से महज 16 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन सितंबर में कोरोना कहर बनकर सामने आया। 1 से 19 सितंबर तक 3699 कोरोना पॉजिटिव निकले थे। इनमें से 62 लोगों की मौत सिर्फ हो गई थी। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के पहले 19 दिन में सैंपलों की रफ्तार बढ़ी है लेकिन अक्टूबर में संक्रमण की दर गिर गई है।
एजी ऑफिस के दो लेखा अधिकारी और एक ही परिवार के 5 लोग निकले संक्रमित
कोरोना संक्रमण के सोमवार को 55 नए मामले सामने आए। जांच रिपोर्ट में एजी ऑफिस के वरिष्ठ लेखा अधिकारी और सहायक लेखा अधिकारी संक्रमित पाए गए हैं। दोनों बीते सप्ताह ऑडिट करने के लिए भिंड गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्हें बुखार आने लगा। इस कारण उन्होंने कोविड का सैंपल दिया और जांच में दोनों को कोरोना की पुष्टि हुई है।
इसी तरह 13 बटालियन में तैनात कांस्टेबल को भी काेरोना होने की पुष्टि हुई है। इससे एक दिन पहले ही यहां पदस्थ इंस्पेक्टर पॉजीटिव निकले थे। अलकापुरी में रहने वाले मलेरिया विभाग के सहायक को-ऑर्डिनेटर और उनके परिवार के पांच लोग जांच में कोरोना संक्रमित निकले हैं। वहीं चौबीस बीघा में एक ही परिवार के तीन सदस्य संक्रमित हुए है।
देरी से जांच कराने के कारण ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में ही अस्पताल पहुंच रहे
अब जाे संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें ये देखा जा रहा है कि वे हालत बिगड़ने के बाद काेविड का टेस्ट कराते हैं। ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में ही अस्पताल में दाखिल हाे रहे हैं। देरी से टेस्ट कराने वाले बुजुर्ग लाेगाें की हालत तेजी से बिगड़ने की वजह से माैतें अधिक हाे रहीं हैं। इस स्थिति से बचने के लिए यदि किसी काे हल्के लक्षण भी हैं ताे उन्हें तत्काल काेविड का टेस्ट कराना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही आपकी जान काे जाेखिम में डाल सकती है।
-डॉ. विजय गर्ग, असिस्टेंट प्राेफेसर, मेडिसिन विभाग जीआरएमसी