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- Neither Flyover Approved, Nor Stationed While Young; Traffic Disrupts At Khajrana Crossroads, People Who Visit Ganeshji Often Get Stuck Here.
इंदौर9 घंटे पहले
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- शहर के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु इसी चौराहे से जाते हैं खजराना मंदिर
(दिनेश जोशी) जयपुर निवासी जीएस श्रीमाली परिवार के साथ खास तौर पर खजराना गणेश मंदिर दर्शन के लिए इंदौर आए थे। मंदिर की खूबसूरती और यहां के प्रति लोगों की आस्था के बारे में खूब सुना था। वाकई यह मंदिर अद्भुत है, लेकिन मंदिर तक पहुंचने के लिए रिंगरोड का जो खजराना चौराहा है, उसकी इतनी बदतर हालत होगी, सोचा नहीं था। पूरे शहर में सबसे खराब ट्रैफिक सिस्टम इसी चौराहे पर दिखा। सड़क की हालत भी बहुत खराब थी। ऑटो वाला गलत साइड आया और कार को टक्कर मार दी। कोई जवान भी मौके पर नहीं था।
यूएस से 14 साल बाद इंदौर आए एनआरआई लोकेश वाधवानी कहते हैं सोचा नहीं था कि मंदिर के पहुंच मार्ग से जुड़े चौराहे के इतने बुरे हाल होंगे। मुझे तो लगा था ट्रैफिक संभालने के लिए 3-4 जवान, चौराहे पर शानदार लाइटिंग और हरियाली होगी। ग्लोसाइन बोर्ड लगे होंगे, लेकिन हालात इससे ठीक उलट थे। एक बड़ी परेशानी भिखारियों की भी झेलना पड़ी। चौराहे पर बच्चे और महिलाएं कार का कांच ठोंकते हैं और जबर्दस्ती पैसा देने की मांग करते हैं। हमारे सामने ही उन्होंने कई लोगों से विवाद किया।
सड़क पर गड्ढे भी इतने ज्यादा हो गए हैं कि वाहन चालक हिचकोले खाते हुए निकलते हैं
खजराना गणेश मंदिर में देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। बेहद भव्य खजराना गणेश मंदिर एक तरह से शहर की पहचान बन चुका है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन और निगम ने खजराना गणेश मंदिर चौराहे को पूरी तरह बेतरतीब छोड़ दिया है। जिस चौराहे पर खूबसूरत फाउंटेन, व्यवस्थित ट्रैफिक और शानदार सड़क होना चाहिए, वहां हालात इतने खराब हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले दो साल से खजराना चौराहे पर स्थायी रूप से कोई जवान तैनात नहीं है। चौराहे पर भारी अतिक्रमण है। यही नहीं सड़क पर कई फीट गहरे गड्ढे भी हैं। हालत इतनी खराब है कि ट्रैफिक जाम तो अब आम हो चला है।
पिछले साल 33 करोड़ के फ्लायओवर बनाने की घोषणा कागजों में दफन
पिछले साल तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने 6 चौराहों के साथ ही खजराना चौराहा पर भी 33 करोड़ की लागत से फ्लाय ओवर की घोषणा की थी, लेकिन बाद में पूरा प्रोजेक्ट ही ठंडे बस्ते में चला गया।
हर तरफ सिर्फ लापरवाही : इस चौराहे पर चारों तरफ खासकर सर्विस रोड पर अतिक्रमण। ग्रीन बेल्ट पर भिक्षुओं का कब्जा। अवैध ऑटो स्टैंड। खजराना की तरफ से आने वाले वाहन चालक कभी ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते। न जवान तैनात, न सीसीटीवी कैमरों से निगरानी।
भक्तों पर भी रहम नहीं : कोरोना से पहले हर माह 10 लाख और अभी 1 लाख श्रद्धालु
कोरोना से पहले यानी फरवरी माह तक खजराना गणेश मंदिर में हर माह औसत 10 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। सिर्फ बुधवार को ही सवा लाख और रविवार को 40 से 45 हजार तक भक्त आते थे। हर 31 दिसंबर की रात्रि 12 बजे से 1 जनवरी की रात 12 बजे तक 5 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं। हालांकि कोरोना काल में श्रद्धालुओं की संख्या 10% रह गई है। खजराना के मुख्य पुजारी पंडित अशोक भट्ट कहते हैं कि चौराहे के कारण भक्तों को समस्या तो आती है। खासकर तौर पर बुधवार को ज्यादा दिक्कत होती है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि सड़कों के पैचवर्क का काम जल्द शुरू होगा। इसमें खजराना चौराहा भी शामिल है।