खरगोन18 मिनट पहले
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- प्रदेश के 17 जिलों में खरगोन का जिला अस्पताल भी शामिल
कोविड-19 में पिछले माह मेडिकल ऑक्सीजन की कमी संकट से बचने के लिए खरगोन, बड़वानी व धार सहित प्रदेश के 19 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। वायुमंडलीय हवा को शुद्ध कर वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी। मप्र लोक स्वास्थ्य एवं आपूर्ति निगम ने प्लांट के लिए कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जनवरी बाद तक ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। खरगोन जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड व ब्लड बैंक के बीच ऑक्सीजन प्लांट की जगह तय की गई है। कोरोना मरीजों की संख्या के मामले में प्रदेश के टॉप-5 शहरों में शामिल खरगोन के लिए ज्यादा उपयोगी होगा। स्वास्थ्य अफसरों का मानना है कि देश में प्लांट लगाने वाली कंपनियों की इस तरह संचालन की ज्यादा रुचि नहीं होती है। क्रियान्वयन में कई तरह की अड़चनें भी आ सकती है। हालांकि सुविधा मिलने से आगामी समय में गंभीर मरीजों के लिए काफी सहूलियत हो जाएगी।
यहां लगाए जाएंगे मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट खरगोन, बड़वानी, धार, सतना, विदिशा, नरसिंहपुर, कटनी, रायसेन, मंडला, छतरपुर, सीधी, बैतूल, दमोह, सागर, भिंड, राजगढ़, बालाघाट, पन्ना और शहडोल।
कोरोना संक्रमण के कारण ऐसे बढ़ रही जरूरत
20% मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत
15% को 10 लीटर प्रति मिनट लगती है
05% को 24 लीटर प्रति मिनट चढ़ाना जरूरी
इसलिए जरूरी है यह प्लांट
सितंबर में प्रदेश सहित जिले में भी कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने पर ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ गई थी। महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर स्थित कंपनी के प्लांट से मप्र को तरल ऑक्सीजन देने से इनकार कर दिया था। जिससे चिंता बढ़ गई थी। सरकार की बातचीत के बाद महाराष्ट्र सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए तैयार हुई। हालांकि दावा है अभी जरूरत 130 टन ऑक्सीजन की है। इससे 50 हजार लीटर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।
ऐसे करेगा काम : मानक स्तर पर वायुमंडलीय हवा को भी करेंगे शुद्ध
कारपोरेशन ने टेंडर में वायुमंडलीय हवा को प्लांट में शुद्ध करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह भी साफ कर दिया गया है कि तैयार ऑक्सीजन की शुद्धता का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार 93% से कम नहीं होना चाहिए। विशेष कारणों के बाद 3% तक की कमी मान्य हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि इस तकनीक में वातावरण से ऑक्सीजन लेकर उसे शुद्ध किया जाता है। इसके बाद पाइपलाइन के जरिए वार्ड तक सप्लाई किया जाएगा। प्लांट लगाने वाली कंपनी को रोजाना की जरूरत से तीन दिन के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन स्टोर करके रखना होगा।
^ ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। कार्रवाई चल रही है। -एस. सतीश कुमार, प्रबंध संचालक, लोक स्वास्थ्य एवं आपूर्ति निगम ^पिछले समय में प्लांट की जगह के संबंध में जानकारी पूछी थी। अभी मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। -डॉ आर जोशी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल