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- In Such A Situation, The Public Will Lose Faith In Justice; Warning To Arrest Officers For Non compliance Of Order
जबलपुरएक दिन पहले
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मप्र हाईकोर्ट
मप्र हाईकोर्ट ने एक व्याख्याता की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि यदि इसी तरह आदेशों की अवहेलना की जाती रही तो जनता का न्याय से भरोसा उठ जाएगा। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने यह टिप्पणी तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केरलिन देशमुख, आयुक्त पी नरहरि और पॉलीटेक्निक कॉलेज जबलपुर के प्राचार्य आरसी पांडे को प्रथम दृष्ट्या अवमानना का दोषी पाए जाने के बाद की। एकल पीठ ने चेतावनी दी है कि आदेश का पालन नहीं होने पर डीजीपी को निर्देश दिए जाएँगे कि अधिकारियों को गिरफ्तार कर हाईकोर्ट में पेश किया जाए। एकल पीठ ने सजा के प्रश्न पर सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर की तिथि नियत की है।
यह अवमानना याचिका जबलपुर निवासी प्रवीण चंद्र चौबे की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि उन्हें पॉलीटेक्निक कॉलेज जबलपुर से व्याख्याता प्रिटिंग के पद से जनवरी 2018 में 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त कर दिया गया था। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 28 जून 2018 को उन्हें 65 वर्ष तक सेवा करने और बहाली का आदेश दिया था। इस मामले में विभाग की ओर से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई, लेकिन दोनों अपील खारिज हो गई। इसके बाद भी उन्हें सेवा में बहाल नहीं किया गया।
बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान तकनीकी शिक्षा आयुक्त पी नरहरि ने एकल पीठ को बताया कि आदेश का पालन करने की फाइल विभाग के मंत्री के पास लंबित है। इस पर एकल पीठ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और अधिकारियों की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने पक्ष रखा।