Madhya Pradesh By Election 2020: BJP, Election Commission In Supreme Court Over High Court Order Political Rallies | भाजपा के बाद अब चुनाव आयोग भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में; ग्वालियर में चुनावी रैलियां को प्रतिबंधित करने का मामला

Madhya Pradesh By Election 2020: BJP, Election Commission In Supreme Court Over High Court Order Political Rallies | भाजपा के बाद अब चुनाव आयोग भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में; ग्वालियर में चुनावी रैलियां को प्रतिबंधित करने का मामला


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भोपाल21 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में राजनीतिक रैलियां के दौरान कोरोना की गाइड लाइन का कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा है। यह एक दिन पहले मुरैना जिले में एक सभा का फोटो है।

  • भाजपा का तर्क एक ही चुनाव के लिए दो अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं
  • चुनाव आयोग का मानना- उच्च न्यायालय का आदेश चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप है

भाजपा के बाद अब चुनाव आयोग भी मध्यप्रदेश के 9 जिलों में शारीरिक राजनीतिक रैलियों को प्रतिबंधित करने के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है। हालांकि अब भी आयोग के अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है। दोपहर तक इस मामले में कोई फैसला लिया जा सकता है। उपचुनाव लड़ने वाले भाजपा के दो उम्मीदवारों ने पहले ही न्यायालय में आवेदन दे चुके हैं।

उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को सार्वजनिक समारोहों के लिए अनुमति नहीं देने के आदेश दिए। इसमें कहा कि उम्मीदवार को यह साबित करना होगा कि वे वीडियो के माध्यम से चुनाव नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही चुनावी सभा के दौरान सभी तरह की गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क लोगों को दिए जाएंगे।

अदालत ने कहा कि यदि शारीरिक रैली की अनुमति दी जाती है, तो यह तभी आयोजित की जा सकती है जब पार्टी या उम्मीदवार जिला मजिस्ट्रेट के पास पर्याप्त धनराशि जमा करेंगे। प्रतिभागियों के लिए आवश्यक संख्या में मास्क और सैनिटाइजर रखना भी अनिवार्य है। इस पर चुनाव आयोग का मानना है कि उच्च न्यायालय का आदेश चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। चुनाव कराना उसका काम है। इस आदेश से मतदान प्रक्रिया बाधित होगी। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार यह उम्मीदवारों को प्रभावित करेगा।

शिवराज पहले ही सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह चुके

गुरुवार को मध्य प्रदेश सरकार ने भी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वे न्यायालय के फैसले का आदर करते हैं। इसलिए अशोक नगर के लोगों से माफी मांगते हैं कि उन्हें दो राजनीतिक रैलियों को रद्द करना पड़ रहा है। चौहान ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे, क्योंकि यह एक ही भूमि में दो कानून होने जैसा है।

इसलिए मामला बढ़ गया

मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में राजनीतिक रैलियों की अनुमति है। इसे दूसरे हिस्से में अनुमति नहीं है। बिहार में राजनीतिक रैलियां आयोजित की जा रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के एक हिस्से में इसकी अनुमति नहीं है। ऐसे में मुख्य नेता इन जगहों पर रैलियां नहीं कर पा रहे हैं। मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को मतदान होना है।



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