जो महिला प्रत्याशी मैदान में हैं उनमें से ज़्यादातर कांग्रेस की हैं या कांग्रेस में थीं.
2018 के चुनाव में 250 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें से भाजपा (BJP) ने 23 और कांग्रेस(Congress) ने 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इसमें से मात्र 20 महिला उम्मीदवार ही जीत हासिल कर सकी थीं
मध्य प्रदेश विधान सभा उपचुनाव में इस बार 6 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. इसमें से 3 बीजेपी की और तीन कांग्रेस की हैं.भाजपा की तीन प्रत्याशी डबरा से इमरती देवी, नेपानगर से सुमित्रा देवी और भांडेर से रक्षा सिरोनिया तो कांग्रेस पार्टी से सुरखी से पारुल साहू, बड़ा मलहरा से रामसिया भारती और अशोक नगर से आशा दोहरे प्रत्याशियों को पटखनी देने के लिए जनता से समर्थन जुटा रही हैं. साल 2018 के चुनाव की बात करें तो इमरती देवी, रक्षा सिरोनिया और सुमित्रा देवी कांग्रेस पार्टी से जीतकर विधानसभा पहुंची लेकिन दल बदल के कारण अब यह तीनों ही महिला प्रत्याशी पार्टी बदल कर मैदान में फिर जीत के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं.
महिलाएं ही नहीं चुनतीं महिलाओं कोभले ही चुनाव में महिला मतदाताओं की रुचि अब बढ़ रही है. महिला मतदाता बढ़-चढ़कर वोट डालने के लिए पहुंचती हैं.लेकिन महिला मतदाताओं के साथ ही पुरुष मतदाताओं ने भी महिला प्रत्याशियों पर भरोसा कम ही जताया है. 2018 के चुनाव में 250 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें से भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इसमें से मात्र 20 महिला उम्मीदवार ही जीत हासिल कर सकी थीं.भाजपा से 11 महिला प्रत्याशी, कांग्रेस से 09 और बसपा से 01महिला प्रत्याशी जीत कर विधान सभा पहुंचीं थीं. 2013 के चुनाव में 200 महिला उम्मीदवारों में से 30 महिलाओं पर ही मतदाताओं ने भरोसा जताया था.इनमें भाजपा से 22,कांग्रेस से 06 और बसपा से दो महिला विधायक जीती थीं.