रतलाम11 घंटे पहले
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शहर में इस साल मानसून के 121 दिन रहे जो पिछले साल के 105 दिन से 16 दिन ज्यादा है। शुरुआत में मानसून ने हैरान किया क्योंकि 51 दिन तक सुस्त रहा, हालांकि, इसके बाद 19 दिन में सामान्य बारिश का कोटा पूरा कर दिया। आखिरी के 51 दिन में सामान्य से 22% ज्यादा बारिश हो गई। धोलावड़ डैम लबालब है व साल-भर पानी की चिंता नहीं है। जिले में इस साल 44 इंच बारिश हुई जो पिछले साल के 69 इंच से 25 इंच कम है। सबसे ज्यादा बाजना में 1359 मिमी बारिश दर्ज की। जबकि, हमारे जिले की सामान्य बारिश 918.3 मिमी ही है। इधर, अब ठंड के लिए तैयार हो जाइए… क्योंकि, मौसम बदल रहा है। आगे क्या… अब बदल रहा हवा का रुख, बढ़ेगी ठंडक इस साल मानसून अच्छा रहा है। अब हवा का रुख बदल रहा है। हवा उत्तरी व उत्तरी-पश्चिमी हो रही है। ये ठंड की शुरुआत है। आगामी दिनों में तापमान में कमी होगी। सुबह व शाम को ठंडक बढ़ेगी। डीपी दुबे, मौसम वैज्ञानिक, भोपाल
ऐसा रहा मानसून: 13 अगस्त से 1 सितंबर का वक्त रहा सबसे अच्छा
23 जून को मानसून आया, हालांकि, इससे पहले जून का कोटा पूरा हो चुका था। 5.15 इंच बारिश हो चुकी थी। मानसून की आमद के साथ तापमान में कमी हुई, मई-जून में सबसे कम 30 डिग्री दर्ज किया गया।
20 जुलाई तक शहर में तेज बारिश नहीं दर्ज की गई। मानसून का 40% अहम समय गुजर चुका था। जबकि 2019 में 15 अगस्त तक 90% मानसून का कोटा पूरा हो गया था।
04 साल बाद ऐसा मौका आया, जब सावन के तीन सोमवार बिना झड़ी के गुजरे। जबकि, सावन में झड़ी लगती है, 2017 में 6 दिन, 2018 में 7 दिन, 2019 में 7 दिन की झड़ी लगी थी।
29 जुलाई तक बारिश होने से हमारी स्थिति प्रदेश में सुधरी, रतलाम ग्रीन जोन में रहा। संभाग में देवास-आगर के बाद तीसरे नंबर पर रहे।
01 सितंबर को सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। 926.1 मिमी बारिश हो चुकी थी। हालांकि, ये 2019 से 194.9 मिमी कम थी। आलोट, जावरा, ताल, पिपलौदा और रतलाम को बारिश की जरूरत थी।
02 अक्टूबर को मानसून विदाई के आसार बने थे, लेकिन नया सिस्टम आने से विदाई टल गई।