उज्जैन16 घंटे पहले
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भक्तों ने धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा।
- 40 मंदिरों तक 26 किमी पैदल चलकर की पूजा
- पटवारी, चौकीदार और भक्तों का कारवां 26 किमी 12 घंटे तक पैदल चलकर मंदिरों में पहुंचा
शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर शासन की ओर से देवी, हनुमान और भैरव मंदिरों की नगर पूजा कराई गई। इस दौरान 40 लीटर शराब की धार मंदिर दर मंदिर बहाई। पूरे मार्ग पर 25 किलो उबले अनाज का भोग बिखेरा। पटवारी, चौकीदार और भक्तों का कारवां 26 किमी 12 घंटे तक पैदल चलकर मंदिरों में पहुंचा। जहां पूजन-आरती की गई।
अष्टमी पर शासन की ओर से नगर पूजा की प्राचीन परंपरा है। सम्राट विक्रमादित्य ने 2 हजार साल पहले यह परंपरा शुरू की थी। उन्होंने नगर को देवीय प्रकोप और विपदाओं से बचाने के लिए देवी शक्तियों को प्रसन्न किया था। पूजा की शुरुआत कलेक्टर आशीष सिंह ने 2300 साल पुराने चौबीस खंभा द्वार पर स्थित देवी महामाया और महालया का पूजन, आरती व मदिरा अर्पित कर की।