Coronavirus Indore | Bengali Society Durga Puja Festival Update; Women Perform Dhunuchi Dance With Grace | बंगाली समाज ने नम आंखाें से दी मां को विदाई, महिलाओं ने धुनुची नृत्य कर खेला सिंदूर, मां से कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना भी की

Coronavirus Indore | Bengali Society Durga Puja Festival Update; Women Perform Dhunuchi Dance With Grace | बंगाली समाज ने नम आंखाें से दी मां को विदाई, महिलाओं ने धुनुची नृत्य कर खेला सिंदूर, मां से कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना भी की


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इंदौर25 मिनट पहले

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मां दुर्गा का चेहरा आइने में देखने के बाद सिंदूर खेला उत्सव शुरू हुआ।

  • सुखलिया में महिलाओं ने मनाया गया सिंदूर खेला उत्सव, नवलखा स्थित बंगाली क्लब में भी हुई पूजा

बंगाली समाज के पांच दिनी दुर्गा पूजा उत्सव का समापन सोमवार को हुआ। विधि-विधान से पूजा के बाद मां काे नम आंखों से विसर्जित किया गया। कोरोना के चलते शहर में होने वाले आयोजन के स्वरूप में बदलवा किया गया था। कहीं सुहागिन महिलाओं ने मां को सिंदूर अर्पित कर लंबे सुहाग की कामना की, तो कहीं धुनुची नृत्य, सिंदूर खेला गया। सभी ने मां से जल्द कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना भी की। इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक थी।

नवलखा स्थित बंगाली क्लब अध्यक्ष अशोक मुखर्जी एवं सांस्कृतिक सचिव अंबुजा दत्ता के अनुसार दशमी पर सुबह पूजन शुरू हुआ। इसमें देवी दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेशजी, कार्तिकेय, नवपत्रिका और जया-विजया का पूजन किया गया। इसके बाद देवी को दही, केला, पानी में भीगे पोहे और मिष्ठानों का भोग अर्पित किया। फिर अपराजिता बेल का पूजन किया गया। इसे आशिर्वाद स्वरूप श्रद्धालुओं को वितरित किया गया। इसके बाद दर्पण विसर्जन किया गया, जिसमें मां दुर्गा स्वरूप नव पत्रिका का विसर्जन किया। समाजजनों ने नम आंखों से मां को विदाई दी। सभी ने मां से प्रार्थना की कि जल्द से जल्द कोरोना बीमारी को खत्म करें। वहीं, कोरोना के चलते धुनुची नृत्य, सिंदूर खेला उत्सव नहीं मनाए गए और बच्चों व बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक थी। पहली बार मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना नहीं की। मंडप में 20 बाय 10 का चित्र लगाकर मां की पूजा परंपरानुसार पूजा-अर्चना की गई।

-सुहागिनों ने मनाया सिंदूर खेला उत्सव

बंगाली एसोसिएशन ईस्ट सुखलिया द्वारा डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी कम्युनिस्ट हॉल बापट चौराहा पर दशमी का पूजन सुबह 8.30 बजे शुरू हुआ। विधि-विधान से पूजा के बाद मां दुर्गा की आरती की गई। विसर्जन की पूजा होने के बाद मां दुर्गा का चेहरा आइने में देखने के बाद सिंदूर खेला उत्सव शुरू हुआ। कोषाध्यक्ष जितेंद्र समानता एवं आशीष मोइत्रा के अनुसार सुहागिनों ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर लंबे सुहाग की कामना की। सभी छोटों ने बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर आशिर्वाद लिया। शाम चार बजे मां विसर्जन किया गया।

कोरोना के कारण इस बार कोई खास आयोजन नहीं किए गए।

कोरोना के कारण इस बार कोई खास आयोजन नहीं किए गए।

बंगाली चौराहा स्थित कालका माता मंदिर पर पांडाल में छह फीट की प्रतिमा स्थापित की गई थी। बंगाली संघ अध्यक्ष राजेश शाह के मुताबिक भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए चलित दर्शन की व्यवस्था की गई थी। हर साल होने वाले अष्टमी और नवमी पर भंडार नहीं किए गए। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 50 श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था एक समय पर की गई थी। सुबह विधि-विधान से पूजन के बाद मां का विसर्जन किया गया।



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