पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉक्टर ने दिया ऐसा इंजेक्शन कि हाथियों को देखकर ही भागने लगती है बाघिन

पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉक्टर ने दिया ऐसा इंजेक्शन कि हाथियों को देखकर ही भागने लगती है बाघिन


पन्ना टाइगर रिजर्व में घायल बाघिन को देखा गया. (सांकेतिक तस्वीर)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) की एक अर्ध वयस्क बाघिन (Tiger) एक बीमारी से परेशान है, जिसका इलाज डॉक्टर कर रहे हैं.

पन्ना. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) की एक अर्ध वयस्क बाघिन (Tiger) अंदरूनी चोट के कारण पिछले कई दिनों से लंगड़ाते हुए चल रही है. लगभग डेढ़ वर्ष की यह बाघिन कैसे व कब चोटिल हुई इसकी जानकारी नहीं है. बीते सोमवार को पर्यटकों ने जुड़ी नाले के पास इस जख्मी बाघिन की तस्वीर लेने के साथ-साथ वीडियो भी बनाया है, जिसमें बाघिन स्पष्ट रूप से लंगड़ा कर चलते हुए नजर आ रही है. यह अर्ध वयस्क बाघिन अभी अपनी मां पी-151 के साथ ही रहती है.

उल्लेखनीय है कि 26 अक्टूबर सोमवार को पार्क भ्रमण कर रहे पर्यटकों का एक दल जब मंडला गेट से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर जुड़ी नाले के पास से गुजर रहा था. उसी समय यह बाघिन रास्ता पार करते नजर आई. अचानक सामने बाघिन को देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे. तभी उनका ध्यान बाघिन के पिछले पैर की तरफ गया, जिसे वह आहिस्ते से रखकर झुकते हुए चल रही थी. बाघिन को इस तरह से चलते देख पर्यटकों को आशंका हुई और उन्होंने गौर से देखा तो पता चला कि उसके पैर में चोट है, जिसके कारण वह लंगड़ा रही है. उन्होंने बाघिन की तस्वीर ली और वीडियो भी बनाया ताकि इसके चोटिल होने की जानकारी पार्क प्रबंधन को दी जा सके.

प्रबंधन को पहले से थी जानकारी
इस जख्मी बाघिन के संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला प्रबंधन की जानकारी में है. जख्मी बाघिन को निगरानी में लेकर विगत 15 दिनों से इलाज भी किया जा रहा है. डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि पहले की तुलना में स्थिति अब काफी बेहतर है. बाघिन को चोट कब व कैसे लगी इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि चोट कैसे व कब लगी यह अज्ञात है, लेकिन चोट अंदरूनी है. चूंकि इसकी उम्र 17 माह के लगभग है तथा वह मां के साथ ही रहती है इसलिए उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया गया. डॉट के माध्यम से इंजेक्शन दिया गया है, जिससे अब वह हाथियों को देखते ही भागने लगती है.





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