हाटपिपलिया सीट पर कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के बीच ही सीधा मुकाबला माना जा रहा है. सांकेतिक फोटो.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा (Assembly) की 28 सीटों पर उपचुनाव (By-Election) के सियासी रण में हाटपिपलिया सीट पर बेहद रोचक मुकाबला है.
हाटपिपलिया सीट पर 2008 में राजवीर सिंह के पिता राजेंद्र सिंह बघेल को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था. मनोज चौधरी के पिता कांग्रेस पार्टी से टिकट ना मिलने से खासे नाराज थे. नाराजगी के ही चलते नारायण चौधरी ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नारायण चौधरी ने राजेंद्र सिंह बघेल के 21161 वोट काटे थे, जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह बघेल भाजपा प्रत्याशी दीपक जोशी से 220 वोटों से हार गए थे.
फिर आए थे साथ
साल 2013 के चुनाव में राजेंद्र सिंह बघेल और नारायण चौधरी फिर कांग्रेस पार्टी में साथ घूमे थे. प्रचार-प्रसार में भी साथ चलकर दिखाया था कि अब हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. साल 2020 के उपचुनाव में एक बार फिर से सियासी समीकरण बदले हुए हैं और दोनों ही के पिता अपने बेटों के लिए प्रचार प्रसार में जुटे हैं.अब राजवीर सिंह बघेल और मनोज चौधरी बने प्रतिद्वन्दी
उपचुनाव के सियासी रण में हाटपिपलिया सीट से राजवीर सिंह बघेल और मनोज चौधरी आमने सामने हैं. 2018 के चुनाव में दोनों एक साथ कांग्रेस पार्टी से ही थे, लेकिन जब कांग्रेस ने मनोज चौधरी को टिकट दिया तो राजवीर सिंह बघेल नाराज हुए और पिता की हार का बदला लेने के लिए राजवीर सिंह ने भी निर्दलीय पर्चा भरा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मनाने के बाद राजवीर सिंह बघेल ने फॉर्म वापस ले लिया था. हाटपिपलिया सीट से मनोज चौधरी के दल बदल करने के चलते ही पहली बार इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहे है. उपचुनाव में अब मनोज चौधरी भाजपा से प्रत्याशी हैं तो वहीं कांग्रेस से राजवीर सिंह बघेल जीत के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.