धार17 मिनट पहले
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- पहले छह महीनाें में 12 हजार खाते ही खाेले गए थे, खाताधारकों को हाथोंहाथ दे रहे खाता नंबर
काेराेनाकाल में लाेगाें में छूने की आदत कम हाेने का असर बैंकिंग व्यवस्था पर पड़ा है। पहले लाेग बैंक में खाता खुलवाने के लिए दस्तावेजाें का आदान प्रदान करते थे। मगर लाॅकडाउन खुलने के बाद अब लाेग इससे बचने लगे हैं कि काेराेना का यह एक कारण नहीं बन जाए। बैंकाें में लाेग अब आधार नंबर बताकर खाता खुलवाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यही कारण है कि 6 महीने में जिले में आधार नंबर देकर खाता खुलवाने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत तक की ग्राेथ दर्ज की गई है।
आईपीबी में 16 हजार लाेगाें ने आधार नंबर देकर खुलवाए
इंडिया पाेस्ट बैंक के शाखा प्रबंधक नितिन पचाैरी ने बताया अनलाॅक के 6 महीने में 16 हजार लाेगाें ने दस्तावेजाें का आदान प्रदान नहीं करते हुए आधार नंबर देकर खाता खुलवाएं हैं। इनमें 3200 मजदूर, पेंशनर व 4 हजार कामकाजी महिलाएं शामिल हैं। जबकि काेराेना से पहले इस तरह खाता खुलवाने वालों की संख्या सिर्फ 12 हजार थी। पचाैरी के अनुसार आधार नंबर लेने के बाद बायाेमैट्रिक से संबंधित की आइडेंडीटी चेक करने के बाद उसे हाथाें-हाथ खाता नंबर दे दिया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्राें में बैंक की बजाय कियाेस्क से रुपए निकलवाना पसंद कर रहे लाेग
संक्रमण के डर से ग्रामीण क्षेत्राें के लाेग भी रुपए निकालने या जमा कराने के लिए बैंक की कतार में खड़े हाेने से बच रहे हैं। राजाेद में कियाेस्क सेंटर संचालित करने वाली तारा धाकड़ बताती है कि लगभग 30 प्रतिशत तक लाेग अब कियाेस्क से ही लेन-देन करने लगे हैं। यानी पहले प्रतिदिन 20 लाेग ही रुपए निकालते आते थे, अब करीब 60 लाेग रुपए निकालने पहुंच रहे हैं। इनमें मजदूर, किसान वर्ग ज्यादा है। गुरुवार काे ही उन्हाेंने 2 लाख 50 हजार का ट्रांजेक्शन किया है।
पाेस्ट ऑफिस में 40 हजार लाेगाें काे घर बैठे उपलब्ध कराई पेंशन
काेराेनाकाल में लाेगाें काे घर में राेके रखने के लिए घर-घर जाकर पेंशन बांटना शुरू की। विभाग की यह याेजना काफी कारगर सिद्ध हुई। पाेस्ट ऑफिसर का संभागीय उपनिरीक्षक मानव मित्रा ने बताया लाॅकडाउन में आधार इनेबल पैमेंट याेजना शुरू हुई थी। इसके तहत पाेस्ट मेन के माध्यम से पेंशनर काे उसके घर तक पेंशन पहुंचाने की सुविधा शुरू की गई थी।
लाॅकडाउन के समय करीब 40 हजार लाेगाें तक पेंशन उनके घर पहुंचाई जा चुकी है। मित्रा के अनुसार पाेस्ट इंफाे एप के माध्यम से लाेगों तक पाेस्ट ऑफिस की सुविधाएं पहुंचाई गई। इस सेवा का लाभ करीब 300 लाेगाें ने लिया। इनमें करीब 150 पेंशनधारी व बाकी अन्य लाेग है।