झाबुआ17 घंटे पहले
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- ऑनलाइन फॉर्म भरवाए जा रहे, जिले में ऐसे साढ़े सात हजार कर्मी
कोरोना वैक्सीन अभी बनकर नहीं आया है, लेकिन सरकार ने इसे पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाएगी। इनमें सरकारी अमले के अलावा प्राइवेट अस्पतालों के लोग भी शामिल हैं। शासन इन लोगों से फॉर्म भरवा रही है। इसमें उनकी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जानकारी के साथ आधार नंबर भी मांगा गया है।
प्रदेश के सभी जिलों से ये जानकारी बुलवाई जा रही है। जिले में ऐसे लगभग साढ़े सात हजार कर्मी हैं।
फिलहाल कोरोना के आंकड़े कम हो रहे हैं, लेकिन सर्दियों में दूसरी वेव आने की संभावना के चलते वैक्सीन को लेकर ज्यादा सक्रियता दिख रही है। कुछ दिनों से देशभर में इसे लेकर चर्चा है। चुनावों में वैक्सीन देने के वादे हो रहे हैं। अब कर्मचारियों की जानकारी बुलवाने से ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे लेकर काम तेजी से हो रहा है।
अफसरों ने बताया, देशभर के स्वास्थ्यकर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है। यहां से जानकारी भोपाल भेजी जाना है। जानकारी एलोपैथी से जुड़े कर्मियों के साथ ही आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक और मेडिकल से जुड़े सभी तरह के लोगों को देना है।
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इसलिए पहले
ये सीधे तौर पर मरीजों के संपर्क में आते हैं। जांच होने तक मरीज का पता नहीं चलता। ऐसे में उन्हें खतरा भी सबसे ज्यादा है। इसे देखते हुए पहले स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। जिले में कुछ डॉक्टर संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।
केस काफी कम, सेकंड वेव की चिंता
देशभर की तरह जिले में भी अक्टूबर में कोरोना केस में गिरावट तेजी से हुई। लेकिन सेकंड वेव की चिंता भी है। विश्व के कई हिस्सों में इसका असर शुरू हो चुका है। राजधानी दिल्ली में भी केस बढ़ने लगे हैं। केस कम होने के साथ अब लापरवाही भी दिखने लगी है। कई लोग मास्क नहीं लगा रहे। बैंकों के बाहर भीड़ कम नहीं हो रही।