शुक्रवार को 1796 मरीजों की जांच, 136 कोरोना पॉजिटिव मिले; सैंपलिंग 3000 से घटाकर 2000 की

शुक्रवार को 1796 मरीजों की जांच, 136 कोरोना पॉजिटिव मिले; सैंपलिंग 3000 से घटाकर 2000 की


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  • Of 1796 Patients Examined On Friday, 136 Were Found To Be Corona Positive; Sampling From 3000 To 2000

भोपाल8 मिनट पहले

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प्रतीकात्मक फोटो

  • सवाल- क्या इसीलिए कम हो रहे मरीज

शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में आई गिरावट की वजह संक्रमण कम होना नहीं है, बल्कि जांच में कमी होना है। पिछले दो हफ्ते में सैंपलिंग 3000 हजार से घटाकर 2000 के करीब कर दी है। पिछले दो हफ्ते में कोरोना मरीज 200 से कम ही मिल रहे हैं। वहीं राहत की बात यह है कि रोज ठीक होने वाले मरीज 210 के आसपास ही होते हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सैंपलिंग कम होने की वजह से ही कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है। इधर, जिला प्रशासन के अफसरों का दावा है कि मामले कम होने की वजह से सैंपलिंग कम की।

11 दिन में कोरोना की स्थिति

जेके अस्पताल के ऐसे हालात- शिफ्टिंग के लिए नहीं मिल रही एंबुलेंस
प्रशासन की ओर से जेके अस्पताल में बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों को शिफ्टिंग के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर मरीजों को हो रही है। आलम यह है कि परिजन को कई अस्पतालों में संपर्क करने के बाद भी कार्डियक एंबुलेंस नहीं मिली। चूंकि मरीज की हालत ऐसी है कि उन्हें बिना सहूलियतों के शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब परिजन आर्थिक संकट के बाद भी अपनी जेब से पैसा भरकर जेके अस्पताल में ही इलाज कराने को मजबूर हैं।

एनआईवी सपोर्ट वाली एंबुलेंस नहीं
कोटरा सुल्तानाबाद की 74 वर्षीय महिला जेके अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें एनआईवी सपोर्ट पर रखा है। परिजन उनकी शिफ्टिंग दूसरे अस्पताल में कराना चाहते हैं, लेकिन एनआईवी सपोर्ट वाली एंबुलेंस नहीं मिल रही है।

कोलार निवासी एक छात्र 5 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव होने पर जेके अस्पताल में भर्ती हुआ। परिवार जगदलपुर में हैं। पैसे का भी अभाव है, ऐसे में समझ में नहीं आ रहा है कि शिफ्टिंग कैसे होगी।

हमीदिया, एम्स, जेपी व चिरायु में मिलेगा सरकारी इलाज
हमीदिया, एम्स और जेपी अस्पताल के अलावा चिरायु में कोविड मरीजों को सरकारी इलाज मिलेगा। इसके अलावा अन्य अस्पतालों में इलाज कराने पर मरीज को पेमेंट करना ही पड़ेगा। –अविनाश लवानिया, कलेक्टर

जब अनुबंध नहीं बढ़ा तो मरीजों को शिफ्ट करना शुरू किया। शासन को मरीजों की सूची दे चुके हैं। जो गंभीर मरीज हैं, उनकी शिफ्टिंग के लिए बोला है,पर कोई लेने को तैयार नहीं है। -धर्मेंद्र गुप्ता, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, जेके हॉस्पिटल



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