महू19 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
शहर के अतिप्राचीन गाेपाल मंदिर में शुक्रवार काे शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। काेराेना काल के चलते इस बार उत्सव में बदलाव किया गया। मंदिर के पुजारी पं. राजेश शास्त्री ने बताया कि हर बार इस उत्सव में भगवान कृष्ण के सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं काे सात रूपाें में दर्शन कराए जाते थे। इस दाैरान हर दर्शन पर विशेष प्रसादी का वितरण भी हाेता था। इस बार सिर्फ चार दर्शन कराए गए। वहीं श्रद्धालुओं काे प्रसादी का वितरण भी नहीं किया गया।
यह दर्शन हुए
सुबह 9 बजे भगवान के शृंगार दर्शन। इसमें भगवान का केसरिया वस्त्र में शृंगार किया गया। सुबह 10.30 बजे दूसरे ग्वाल दर्शन हुए। इसके बाद 11.30 बजे भगवान के तीसरे दर्शन राजभाेग के रूप में हुए। इसमें भगवान काे विभिन्न प्रसादी का भाेग लगाया गया। इसके बाद शाम काे 7 बजे भगवान के चाैथे शरद दर्शन हुए। इसमें भगवान काे सफेद रंग की पोषाक से सजाया गया।