कांकरिया19 घंटे पहले
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- चना बाेवनी के लिए चाहिए पानी, देरी से उत्पादन पर पड़ेगा असर
साेनतलाई माइनर शाखा के टेल क्षेत्र में पानी नहीं पहुंचा है। किसान पलेवा शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्र में सैकड़ाें किसान चना की बाेवनी नहीं कर पा रहे हैं। माैसम में बाेवनी के लायक ठंड भी पड़ रही है। किसानाें ने कहा कि नहर में पानी छूटने के करीब 9 दिन बाद भी साेनतलाई माइनर सूखी पड़ी है।
पिछले साल इस समय तक चना की बाेवनी हाे चुकी थी, जिससे अच्छा उत्पादन मिला था। इस साल बाेवनी पिछड़ रही है, जिसका असर उत्पादन पर हाेगा। बीड़, कमताड़ा, कांकरिया सहित अन्य गांवाें के किसानाें ने पलेवा शुरू करने के लिए पहले से खेत तैयार कर लिए थे।
किसान राेजाना रात में नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें रतजगा भी करना पड़ रहा है। हालांकि कमताड़ा गांव के पास नहर की तलहटी में पानी दिखाई देता है, जाे सिंचाई के लिए नाकाफी है।
किसान अशाेक, पवन, बाबूलाल आदि ने बताया कि टेल क्षेत्र में हमेशा से सिंचाई के लिए लेट और कम पानी मिलता है। इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। नियमाें के तहत पहले टेल क्षेत्र में सिंचाई शुरू हाेनी चाहिए। इसके बाद हेड क्षेत्र के किसानाें काे पानी मिलना चाहिए, लेकिन नियम का उलटा हाे रहा है। खुद अधिकारी ही नियमाें का पालन नहीं कर रहे हैं।
क्षेत्र में हेडअप बनाकर किसानों ने राेका पानी
हेड क्षेत्र में सिंचाई जल्द करने के लिए कई किसानाें ने नहर में हेडअप बना लिए हैं। इसी कारण टेल क्षेत्र तक पानी नहीं पहुंच रहा है। टेल क्षेत्र के किसानाें ने कहा विभाग के अधिकारियाें काे माैके पर जाकर हेडअप ताेड़ने चाहिए।
4-5 दिन का समय और लगेगा
साेनतलाई माइनर में बीड़ व कमताड़ा की सीमा तक पानी पहुंचा है। हेड क्षेत्र में किसान सिंचाई कर रहे हैं। टेल क्षेत्र में पानी पहुंचने में 4 -5 दिन का समय लगेगा।
– वायएस यादव, एसडीओ, सिंचाई विभाग (साेनतलाई माइनर शाखा)