मुरैना ने मांगे 550 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिले सेे भेज दी शिक्षकों की सूची, 4 घंटे तक हुए परेशान

मुरैना ने मांगे 550 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिले सेे भेज दी शिक्षकों की सूची, 4 घंटे तक हुए परेशान


भिंड3 घंटे पहले

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एमजेएस ग्राउंड में शिक्षकों को घर भेजते एडीएम।

  • शिक्षकों को एमजेएस ग्राउंड पर बुलाया, शाम को एडीएम बोले- आपको नहीं जाना मुरैना

प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मुरैना से 550 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मांग भिंड से की गई। जिले से इन कर्मचारियों के बजाय शिक्षकों की सूची मुरैना भेज दी गई। मुरैना से भी इन शिक्षकों को ड्यूटी के लिए फोन कर शहर के एमजेएस कॉलेज पर बुला लिया गया। जब यह मामला कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसकी जानकारी ली। वहीं एडीएम अनिल कुमार चांदिल ने सभी शिक्षकों से कहा कि उन्हें मुरैना नहीं जाना है। वे घर जा सकते हैं। इस दौरान करीब चार घंटे तक शिक्षक एमजेएस कॉलेज के ग्राउंड में खड़े परेशान होते रहे।

दरअसल मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। कोरोना काल के इस पहले चुनाव में 70 प्रतिशत कर्मचारी रिजर्व में रखे जाने हैं जबकि पहले 30 प्रतिशत कर्मचारियों को रिजर्व में रखे जाने का नियम था। इस हिसाब से मुरैना जिले में उपचुनाव के लिए कर्मचारियों का टोटा हो गया है। बताया जा रहा है कि मुरैना को पांचों सीटों पर उपचुनाव कराने के लिए 9 हजार अधिकारी कर्मचारी लगेंगे। वहीं 70 प्रतिशत रिजर्व के नियम से करीब 17 हजार अधिकारी कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे में मुरैना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने चंबल कमिश्नर आरके मिश्रा को पत्र भेजकर दूसरे जिलों से कर्मचारियों की पूर्ति किए जाने की मांग की है।

सूची में नहीं थे किसी के हस्ताक्षर: खास बात तो यह रही कि चुनाव ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों की जो सूची उनके सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल हो रही थी, उसमें न तो कहीं उनके मुरैना जाने का जिक्र था और न ही उस पर किसी अधिकारी के अधिकृत हस्ताक्षर थे। बावजूद निर्वाचन कार्य के डर से शिक्षक अपने अपने नाम पढ़कर और फोन आने पर एमजेएस कॉलेज में एकत्रित होना शुरु हो गए। इधर मुरैना से भी दो पुलिस जवान इन्हें लेने भिंड आ गए।

कलेक्टर बोले- शिक्षकों की सूची किसने भेजी, करा रहे जांच
पहले ग्रुप में आई सूची, फिर आए फोन

मुरैना में चुनाव ड्यूटी के लिए रविवार को अटेर क्षेत्र के 550 शिक्षकों बुलाया गया। शिक्षकों की मानें तो सुबह के समय उनके सोशल मीडिया ग्रुप पर 368 नामों की एक सूची आई, जिसमें जिक्र किया गया था कि इन शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी के लिए मुरैना जाना है। बाद में शिक्षकों के पास मुरैना डीआरपी लाइन से फोन आना शुरू हो गए। ऐसे में आनन फानन में शिक्षक दोपहर एक बजे से अपने बैग पैक कर एमजेएस कॉलेज परिसर में एकत्रित होना शुरू हो गए।

ड्यूटी के लिए एमजेएस ग्राउंड में तैयार खड़े शिक्षक, कलेक्टर-एसपी को पता ही नहीं
करीब 4 घंटे तक इंतजार करने के बाद ड्यूटी संबंधी जब आदेश शिक्षकों के पास नहीं आया तो उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने हंगामा करते हुए मीडिया को बुला लिया। जब मीडिया की ओर से यह मामला कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत और एसपी मनोज कुमार सिंह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने मुरैना प्रशासन से बात की। बाद में पता चला कि चुनाव ड्यूटी के लिए शिक्षक नहीं, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भेजना है। तब कलेक्टर ने एडीएम एके चांदिल को एमजेएस कॉलेज भेजकर शिक्षकों को घर जाने के लिए कहलवाया। हालांकि तब तक शाम के करीब 5 बज चुके थे। ऐसे में उन शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो गया जो अटेर अथवा दूर दराज क्षेत्र से आए थे।

मामले की जांच कराई जाएगी
^मुरैना से 550 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मांगे गए थे। शिक्षकों के संबंध में वहां से कोई पत्र नहीं आया था। आखिर शिक्षकों की सूची कैसे भेजी गई और उन्हें क्यों बुलाया गया इस मामले की जांच कराई जाएगी। डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, कलेक्टर, भिंड



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