सबसे ज्यादा और सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी अब BJP से आजमा रहे किस्मत, ये रहे नाम

सबसे ज्यादा और सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी अब BJP से आजमा रहे किस्मत, ये रहे नाम


2018 के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराने वाले पांच प्रत्याशी कांग्रेस से ही थे. (सांकेतिक फोटो)

2018 के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराने वाले पांच प्रत्याशी कांग्रेस से ही थे. इमरती देवी (Imrati Devi), राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रक्षा सिरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया और ओपीएस भदौरिया सबसे ज्यादा मतों से जीते थे.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव (Assembly by-election) को लेकर मंगलवार यानि 3 नवंबर को मतदान होगा. कल मदतान के साथ ही प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी. इस बार सियासी रण में ऐसे प्रत्याशी भी मैदान में हैं जो साल 2018 के चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी. साथ ही कुछ ऐसे प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी जीत का अंतर सबसे कम था. 57 हज़ार से ज्यादा रिकॉर्ड वोटों से इमरती देवी ने जीत हासिल की थी तो हरदीप सिंह डंग (Hardeep Singh Dung) मात्र 350 वोटों से जीते थे.

2018 में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले प्रत्याशी थे कांग्रेसी
2018 के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराने वाले पांच प्रत्याशी कांग्रेस से ही थे. इमरती देवी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रक्षा सिरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया और ओपीएस भदौरिया सबसे ज्यादा मतों से जीते थे. डबरा से इमरती देवी 57446 वोटों से जीती थी. बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 41506 मतों से जीते थे. भांडेर से रक्षा सिरोनिया 39896 मतों से जीती थी. बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया 27920 मतों से जीते थे. इसी तरह मेहगांव से ओपीएस भदौरिया ने 25814 रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार पांचों प्रत्याशी दल बदल कर कांग्रेस छोड़ भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में मैदान में है. इन सभी के सामने रिकॉर्ड मतों को बरकरार रखने की चुनौती है. कांग्रेस का साथ छोड़ कर अब भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर अपनी जीत के बड़े अंतर को बरकरार रखने की चुनौती इन सभी पांचों प्रत्याशियों के सामने है.

कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी भी भाजपा से आजमा रहे अपनी किस्मतवहीं, 2018 के चुनाव में सबसे कम अंतर से जीतने वाले पांच प्रत्याशी भी दमखम लगा रहे हैं. इनमें सुवासरा से हरदीप सिंह डंग ने सबसे कम मतों से जीत हासिल की थी. महज 350 वोटों से बमुश्किल हरदीप सिंह डंग चुनाव जीत सके थे. वहीं, ब्यावरा से गोवर्धन सिंह दांगी ने 826 वोटों से जीत हासिल की थी. पानगर से सुमित्रा कासेडकर ने 1264 वोटों से चुनावी मैदान में चुनावी जंग जीती थी. मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव 2136 वोटों से जीत हासिल किए थे. आगर से भाजपा के मनोहर ऊंटवाल 24 90 वोटों से सियासी मैदान में विजयी हुए थे. उपचुनाव में आगर सीट को छोड़कर बाकी चारों सीटों पर प्रत्याशी दल बदल कर कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा से चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. उनकी किस्मत का फैसला जनता के हाथ में है. बेहद कम अंतर से जीतने वाले इन प्रत्याशियों को दलबदल के बाद जीत को बरकरार रखना किसी चुनोती से कम नहीं है.





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