इस वीडियो में वह हाथ जोड़कर रोते हुए कह रही है, ‘‘हम बहुत लाचार हैं. (सांकेतिक फोटो)
गोविंदपुरा थाना प्रभारी अशोक सिंह (Govindpura Police Station Incharge Ashok Singh) परिहार ने बताया कि सूचना मिलने पर इस लड़की को उपचार के लिये तुरंत शहर के नर्मदा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके हाथ में पट्टी लगवाई गई.
इस वीडियो में वह हाथ जोड़कर रोते हुए कह रही है, ‘‘हम बहुत लाचार हैं. बहुत गरीब हैं. न्याय की भीख मांग रहे हैं सरकार से. छह महीने हो गये (शिकायत पत्र दिखाते हुए कहती है कि) इन शिकायतों को मैं विभिन्न अधिकारियों को दे चुकी हूं. मेरे पास सारे सबूत हैं. पुलिस वालों ने गुड्डू (एक आरोपी) के साथ मिलकर हमारे केस को बिगाड़ा. गलत चार्जशीट हत्यारों के पक्ष में बनाई और गलत एफआईआर दर्ज की.
उनके घर के सामने खड़े होते हैं
इसमें वह आगे कह रही है, ‘‘मेरी मां और मैं पिछले छह महीने से सीएम (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान) से मिलने के लिए भटक रहे हैं. उनके घर के सामने खड़े होते हैं, तो पुलिस वाले धक्के देकर भगा देते हैं. उनके घर के आसपास सुबह 10 बजे से शाम के छह बजे तक खड़े रहते हैं हम.’’ इस युवती ने आगे कहा, ‘‘सिर्फ मेरे पापा को न्याय दिलाने की आस को लेकर हम जिंदा थे. प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है. (ब्लेड से अपने हाथ की नस काटते हुए वह आह की चीख के साथ कहती है) अंधा और बहरा हो गया है प्रशासन. मैं आत्महत्या कर रही हूं, जिसका जिम्मेदार ये अंधा प्रशासन है.उसने कहा कि प्रशासन ही मेरी मौत का जिम्मेदार है.’’ इस बारे में पूछे जाने पर गोविंदपुरा थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार ने बताया कि सूचना मिलने पर इस लड़की को उपचार के लिये तुरंत शहर के नर्मदा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके हाथ में पट्टी लगवाई गई. उसकी कलाई बहुत ज्यादा कटी हुई नहीं है. वह अब सामान्य है. उसके बयान लेने के लिए उसे थाने में लाया गया है और उसके बयान लिखवाये जा रहे हैं.
उनके घर के सामने खड़े होते हैं
उन्होंने कहा कि युवती की आखिरी रिपोर्ट के बाद भोपाल की गोविंदपुरा थाने की पुलिस ने 12 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया है और उन सभी के खिलाफ अदालत में चालान भी पेश कर लिया है. अभी यह मामला अदालत में विचाराधीन है. इस साल अप्रैल में एक ट्वीट कर इस युवती ने आरोप लगाया था कि उसके पिता को आठ लोगों ने बुरी तरह पीटा है और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई. इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था.